नडियाद3 मिनट पहले
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सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को हुआ था। 2025 में उनकी 150वीं जयंती मनाई जाएगी।
लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की गुजरात के खेड़ा जिले गाडवा गांव में पुरखों की जमीन फर्जीवाड़ा कर हड़पने के मामले में 3 दोषियों को 2 साल कैद की सजा सुनाई गई है।
महेमदाबाद कोर्ट के जज विशाल त्रिवेद्री की अदालत ने भूपेन्द्रभाई देसाईभाई डाभी, देसाईभाई जेहाभाई डाभी और प्रतापभाई शकराभाई चौहान को 2 साल कैद की सजा दी है।
हालांकि ट्रायल के दौरान हीराभाई डाभी की मौत हो चुकी है। केस दर्ज होने के करीब 13 साल बाद कोर्ट का फैसला आया।
आरोपियों ने 2008 में भी राजस्व रिकॉर्ड में धांधली के जरिए नाम बदलवाने का प्रयास किया था, जो असफल रहा।
गाडवा गांव स्थित सरदार पटेल के नाम की 6 बीघा जमीन का मामला खेड़ा जिले के गाडवा गांव में करीब 6 बीघा भूमि जमीन राजस्व रिकॉर्ड में मालिक-कब्जेदार गुजरात प्रांतीय समिति (गुप्रास) और देश के पूर्व गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल का नाम है। राजस्व रिकॉर्ड में 1930-31 से साल 2004 तक था, रिकॉर्ड दुरस्त रहा।
2004 में दस्तावेज के कंप्यूटरीकरण के दौरान कब्जेदार के रूप में नाम ‘गुप्रास के प्रमुख वल्लभभाई झवेरभाई पटेल’ के नाम के बदले सिर्फ ‘वल्लभभाई झवेरभाई’ दर्ज हो गया तथा ‘गुप्रास के प्रमुख’ शब्द निकल गया। यहीं से जालसाज सक्रिय हो गए।
कठलाल के अराल गांव निवासी भूपेन्द्र डाभी ने गांव के ही हीराभाई कलाभाई डाभी को बतौर वल्लभभाई झवेरभाई की जाली पहचान के साथ पेश कर साल 2004-05 अंगूठा लगवाया।

लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी गुजरात के केवड़िया (नर्मदा जिला) में स्थित है। यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है। है।
यह है पूरा मामला
1935 से खेड़ा जिले के गाडवा गांव में यह जमीन श्री गुजरात प्रांत समिति के प्रमुख वल्लभ भाई झवरभाई पटेल के नाम पर थी। 1951 से 2009-10 तक के रिकॉर्ड में इसका मालिक वल्लभ भाई पटेल को बताया गया। 2010 में सरकारी रिकॉर्ड के कंप्यूटरीकरण में वल्लभ भाई पटेल के नाम के आगे से ‘श्री गुजरात प्रांत समिति प्रमुख’ शब्द हट गए। इसका फायदा उठाकर ठगों ने बैंक से लोन लेने के लिए आवेदन लगाया। जांच में यह घोटाला सामने आया।
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सरदार पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से जुड़ी खास बातें….
- ऊंचाई- ₹2,989 करोड़ की लागत से बनी प्रतिमा 182 मीटर (597 फीट) ऊंची है। आधार सहित ऊंचाई 240 मीटर है। यह स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (93 मीटर) से लगभग दोगुनी ऊंची है।
- निर्माण – यह सरदार सरोवर बांध के पास नर्मदा नदी के तट पर है। प्रधानमंत्री मोदी ने 31 अक्टूबर 2013 को इसकी नींव रखी थी, अनावरण 31 अक्टूबर 2018 (सरदार पटेल की 143वीं जयंती) को हुआ।
- डिजाइन और इंजीनियरिंग- इसे मशहूर मूर्तिकार राम वी. सुतार ने डिजाइन किया। लार्सन एंड टूब्रो (L&T) कंपनी ने इसे बनाया। इसमें कांस्य की परत चढ़ाई गई है और अंदरूनी ढांचा स्टील और कंक्रीट का है।
- स्थान और पर्यटन- इसमें एक गैलरी है, जहां से लोग 153 मीटर की ऊंचाई से नर्मदा नदी और आसपास का सुंदर दृश्य देख सकते हैं। प्रतिमा के पास म्यूजियम, गार्डन, लाइट एंड साउंड शो, बोट राइड, और जंगल सफारी जैसी सुविधाएं हैं।