गुजरात के अहमदाबाद में 64 साल बाद आज से कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन हो रहा है। यह दो दिन 8 और 9 अप्रैल तक चलेगा। इससे पहले 1961 में भावनगर में अधिवेशन हुआ था। यह आजादी के बाद गुजरात में कांग्रेस का पहला कार्यक्रम था। इसमें बिहार कांग्रेस प्रभारी क
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कांग्रेस अधिवेशन में निर्दलीय सांसद पप्पू यादव को भी पार्टी की तरफ से आमंत्रित किया गया है। अध्यक्ष पद से अखिलेश सिंह की छुट्टी और बिहार में कन्हैया की एंट्री के बाद अब पप्पू यादव का अधिवेशन में शामिल होना, प्रभारी कृष्ण अल्लावरू का बड़ा फैसला माना जा रहा है।
बिहार कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लावरू अधिवेशन में शामिल होंगे।
टिकट बंटवारे में जिलाध्यक्ष की भूमिका अहम
8 अप्रैल को सुबह 11 बजे से कार्यक्रम की शुरुआत कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के साथ होगी। इस दौरान कई राजनीतिक प्रस्ताव भी पारित होंगे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक अधिवेशन में कांग्रेस बड़ा फैसला ले सकती है। जिलाध्यक्षों के पावर को बढ़ाएगी। अब किसी भी जिले में विधानसभा सीट के टिकट बंटवारे में जिलाध्यक्ष अहम भूमिका निभाएंगे। कांग्रेस इलेक्शन कमेटी (CEC) के मेंबर होंगे। जिस जिले में उम्मीदवारों का नाम का चयन होगा उसमें इनकी सहमति भी महत्वपूर्ण होगी।
इसके अलावा कांग्रेस जिलाध्यक्ष को लेकर एक और बड़ा फैसला ले सकती है। कोई भी जिलाध्यक्ष पद पर रहते हुए विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ पाएंगें। अगर उन्हें चुनाव लड़ना है तो पहले पद से इस्तीफा देना होगा। सूत्रों की मानें तो यह नियम कांग्रेस बिहार विधानसभा चुनाव या फिर गुजरात चुनाव से लागू कर सकती है।
9 अप्रैल को मुख्य अधिवेशन साबरमती रिवर फ्रंट पर होगा। जिसमें देशभर से 1700 से अधिक प्रतिनिधि भाग लेंगे। इस अधिवेशन की थीम ‘न्यायपथ: संकल्प, समर्पण और संघर्ष’ है। अधिवेशन में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल, प्रियंका गांधी जैसे सीनियर लीडर मौजूद रहेंगे।