गोधरा में पिछली परीक्षा में हुई गड़बड़ी, अब NTA ने जिला कलेक्टर को जिम्मेदारी दी।
पिछली नीट परीक्षा में गोधरा के जयजलाराम स्कूल में नकल की प्लानिंग के बाद इस वर्ष के नीट परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी एनटीए ने गोधरा के जिला कलेक्टर को सौंपी है। कलेक्टर ने एक टीम बनाकर नीट परीक्षा में नकल रोकने को माइक्रो प्लानिंग की है। राज्य में
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NEET 2025 परीक्षा का प्रश्न पत्र केनरा बैंक गोधरा शाखा के स्ट्रॉंग रूम में रखा जाएगा।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने विभिन्न परीक्षा केंद्र आवंटित किए हैं। नीट 2025 की परीक्षा संचालन में एक भी निजी व्यक्ति को नहीं रखा जाएगा। सभी परीक्षा केन्द्रों पर सरकारी कर्मचारियों एवं अधिकारियों की ड्यूटी लगा दी गई है। एनटीए ने पहली बार नीट 2025 स्नातक परीक्षा को पूर्ण पारदर्शिता एवं बिना किसी गड़बड़ी के आयोजित करने के लिए स्थानीय जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है, जो संपूर्ण परीक्षा का संचालन करेगी।
पंचमहाल जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में नीट 2025 के आयोजन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। परीक्षा केंद्र पर सीसीटीवी कैमरों की मॉनिटरिंग, परीक्षा से पहले प्रश्नपत्रों का सेफ वॉल्ट, छात्रों की बैठक व्यवस्था, परीक्षा समाप्ति के बाद आंसर शीट की सीलिंग जैसे मुद्दों पर विस्तृत चर्चा हुई तथा एनटीए की गाइडलाइन के अनुसार जिम्मेदार अधिकारी-कर्मचारियों को जिम्मेदारी भी सौंपी गई है।

आधार डाटाबेस पर आधारित बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के बाद ही परीक्षार्थी को परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया जाएगा।
परीक्षार्थियों की हाजिरी में प्रश्न-पत्र की सील खुलेगी NEET 2025 परीक्षा का प्रश्न पत्र केनरा बैंक गोधरा शाखा के स्ट्रॉंग रूम में रखा जाएगा। यहां से 4 अलग-अलग परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा के दिन प्रश्नपत्र पहुंचने के बाद कक्षा में विद्यार्थियों की मौजूदगी में सील खोलकर प्रश्नपत्र दिया जाएगा। इसी प्रकार, परीक्षा समाप्ति के बाद आंसर शीट को कक्षा में ही छात्रों की उपस्थिति में सील करके पूरी सुरक्षा के साथ निर्धारित स्थान पर पहुंचाने की व्यवस्था भारतीय डाक विभाग ने की है।
फर्जी छात्रों को रोकने के लिए विशेष सावधानी बरतेंगे नीट परीक्षा में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो तथा परीक्षार्थी शांतिपूर्ण माहौल में परीक्षा दे सकें, इसके लिए इस वर्ष पहली बार NTA परीक्षा केंद्र पर आने वाले परीक्षार्थियों का बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन करेगी। आधार डाटाबेस पर आधारित बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के बाद ही परीक्षार्थी को परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया जाएगा, ताकि कोई भी फर्जी छात्र परीक्षा में न बैठ सके।