मस्जिद के सामने जुलूस पर पत्थरबाजी का आरोप है।
गुना में हनुमान जयंती पर कर्नलगंज में जुलूस पर हुए पथराव मामले में कोर्ट ने एक आरोपी की जमानत याचिका निरस्त कर दी। कोर्ट ने कहा कि आरोपी को जमानत देने से उसके फरार होने या साक्ष्य प्रभावित करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
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शनिवार को हनुमान जयंती के अवसर पर शिवाजी नगर माता मंदिर से निकाला गया जुलूस जब शाम करीब 7:30 बजे कर्नलगंज मस्जिद के सामने पहुंचा, तो वहां पथराव शुरू हो गया। डीजे की धुन पर नाचते युवाओं के जुलूस पर पत्थर फेंके जाने के बाद दोनों पक्षों में पथराव हुआ। मौके पर पहुंची पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर किया।
घटना में दोनों पक्षों की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई। एक पक्ष ने उसी रात जबकि दूसरे पक्ष ने 14 अप्रैल को रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने अब तक करीब 20 लोगों को गिरफ्तार किया है। घटना के एक सप्ताह बाद एसपी का तबादला भी कर दिया गया।
कुछ लोग पत्थर फेंकते कैमरे में भी कैद हुए थे।
आरोपी की जमानत याचिका खारिज
आरोपी असद खान की ओर से अधिवक्ता राजपाल जाटव ने जमानत याचिका में कहा कि घटना के समय आरोपी मंडी में लहसुन-प्याज की उतराई कर रहा था। उन्होंने दावा किया कि महज कर्नलगंज का निवासी होने के कारण उसे झूठा फंसाया गया है।
जमानत का विरोध करते हुए आपत्तिकर्ता वकील दीपक रजक ने कोर्ट को बताया कि जुलूस पर हमला पूर्व नियोजित था। हथियार और पत्थर पहले से जमा किए गए थे। आरोपियों ने जान से मारने की नीयत से फायरिंग की और हनुमान बने युवक पर जानबूझकर हमला किया, जिससे सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हुआ।
कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के बाद जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि मामले में कई आरोपियों की गिरफ्तारी अभी बाकी है। धार्मिक जुलूस में बलवा और हिंसा के गंभीर आरोपों को देखते हुए आरोपी को जमानत का लाभ देना उचित नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि आरोपी 14 अप्रैल से जेल में बंद है और कुछ लोग पत्थर फेंकते हुए कैमरे में भी कैद हुए थे।