गुरुग्राम में देश की पहली महिला ड्रोन अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए।
गुरुग्राम में अब ड्रोन के ज़रिए डोर-टू-डोर डिलीवरी और लॉजिस्टिक्स की ज़िम्मेदारी महिलाओं के हाथों में होगी। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर स्काई एयर मोबिलिटी से जुड़ी 10 महिलाओं ने भारत की पहली महिला ड्रोन डिलीवरी टीम की शुरुआत की।
.
मंगलवार को सेक्टर 29 में इन 10 महिला ड्रोन पायलटों ने डिलीवरी तकनीक का इस्तेमाल करके दवाइयों और किराने के सामान से लेकर iPhone तक की ज़रूरी चीज़ों की निर्बाध, एंड-टू-एंड डिलीवरी सुनिश्चित की।
गुरुग्राम के सेक्टर 29 में ड्रोन से डिलीवरी करके दिखाती महिला पायलट।
देश की पहली महिला ड्रोन टीम
खास बात यह है कि ड्रोन को चलाने से लेकर आवश्यक सामग्री को उसके गंतव्य तक पहुंचाने की पूरी प्रक्रिया को केवल महिलाओं द्वारा किया गया। यह पूरी तरह से महिला-नेतृत्व वाले ड्रोन लॉजिस्टिक्स में दुनिया की पहली उपलब्धि है।
दरअसल ड्रोन उद्योग के तेजी से बढ़ने के साथ, कुशल पायलटों की मांग बढ़ रही है। महिलाओं के इस फील्ड में आना एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि डोर टू डोर डिलीवरी का काम पुरुष-प्रधान माना जाता है।

गुरुग्राम में देश की पहली महिला ड्रोन डिलीवरी टीम में 10 महिलाएं शामिल हैं।
दो साल में 500 ड्रोन पायलट तैयार होंगी स्काई एयर मोबिलिटी के संस्थापक अंकित कुमार ने कहा ड्रोन लॉजिस्टिक्स में महिलाओं को रोजगार देने के लिए अगले दो वर्षों में 500 महिला पायलटों और स्काई वॉकर्स को प्रशिक्षित किए जाने की प्लानिंग है।
यह पहल सरकार द्वारा शुरू किए गए नमो ड्रोन दीदी से प्रेरित है। निसंदेह तौर पर इससे महिला रोजगार बढ़ेगा। पहले चरण में डोर टू डोर डिलीवरी का कार्य किया जा रहा है, भविष्य में ड्रोन के सारे काम महिलाओं के हाथ में होंगे।

गुरुग्राम में अगले दो साल में 500 ड्रोन पायलट तैयार करने की प्लानिंग है।
महिलाओं के लिए रोजगार बढ़ेगा वहीं ड्रोन पायलट तनीषा ने बताया कि शहरी लॉजिस्टिक्स में अभूतपूर्व विकास हो रहा है, अकेले गुरुग्राम ने फरवरी 2025 में 1.5 लाख ड्रोन डिलीवरी दर्ज की है। जिसमें आईफोन से लेकर दैनिक किराने का सामान शामिल है।
सभी सात मिनट से कम समय में ग्राहकों तक पहुंचते हैं। इससे महिलाओं के लिए रोजगार बढ़ेगा। एक ड्रोन पायलट 20 हजार से 60 हजार तक आसानी से कमा सकती है। आने वाले कुछ महीनों में यह कमाई एक लाख तक भी हो सकती है।