आतंकी गतिविधि के संदेह में गुलफाम हसन की गिरफ्तारी पर उसके पिता ने एतराज जताया है।
‘मेरे बेटे को फंसाया जा रहा है। वो तो प्लम्बर मिस्त्री है। हमारा आतंकी संगठन से कोई लेना देना नहीं है। अगर ऐसा होता तो पिछले 5 साल से किराए के घर में हम नहीं रहते।’
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यह कहना है धनबाद के बैंकमोड़ थाना क्षेत्र के अलीनगर निवासी गुलफाम हसन ( 21) के पिता फैयाज हुसैन का। शनिवार को झारखंड ATS की कार्रवाई में गुलफाम समेत 4 संदिग्धों को पकड़ा गया था।
गिरफ्तार संदिग्धों में आयान जावेद, उसकी पत्नी शबनम परवीन और शहजाद शामिल हैं। इनके पास से दो पिस्टल, 12 गोलियां, मोबाइल, लैपटॉप, प्रतिबंधित संगठनों से जुड़े दस्तावेज और किताबें शामिल हैं।
इनकी गिरफ्तारी के बाद रांची ATS थाने में FIR दर्ज की गई है। रविवार को चारों को जेल भेज दिया गया।
ATS को क्या मिली थी सूचना
ATS को सूचना मिली थी कि प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (HUT), अलकायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट (AQIS) और ISIS से जुड़े लोग राज्य के युवाओं को गुमराह कर अपने नेटवर्क से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
ये संदिग्ध इंटरनेट और सोशल मीडिया की मदद से धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देते हुए राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं।
गुलफाम हसन के पिता फैयाज हसन ने कहा- बेटे को फंसाया गया है।
पिता बोले- बेटे को फंसाया गया है
भास्कर की टीम गुलफाम हसन के घर पहुंची तो उसके पिता फैयाज हसन मिले। उन्होंने बताया- ‘इस मकान में फैयाज हसन अपनी पत्नी, बेटी और बेटे गुलफाम के साथ रहते हैं। वो ऑटो चालक हैं और बेटा गुलफाम प्लम्बर मिस्त्री का काम करता है। उसने इंटर तक पढ़ाई की है।’ आतंकी गतिविधि के संदेह में उसकी गिरफ्तारी पर उन्होंने एतराज जताया।
‘मेरे बेटे को फंसाया गया है। आतंकी संगठन से उनका और उनके बेटे का कोई लेना-देना नहीं हैं। यदि ऐसा होता तो परिवार तंगहाली में नहीं जी रहा होता। पिछले पांच सालों से किराए के मकान में रहते आ रहे हैं।’
‘ATS की टीम ने मकान की तलाशी भी ली थी। इस दौरान धार्मिक किताब को वो ले गई। बेटा उस किताब को पढ़ता था। बेटा नमाज पढ़ता, अपने प्लम्बर मिस्त्री के काम में रहता और शाम को घर आ जाता था। इसके अलावा उसका कोई और रूटीन नहीं था।’

आयान जावेद का अमन सोसाइटी में अपना घर है।
आयान का धनबाद में अपना घर पर किराए पर रहता था
इधर, धनबाद के गोविंदपुर जंगलपुर की रहने वाली शबनम की शादी आयान जावेद के साथ हुई थी। शादी के बाद से वह शमशेर नगर में किराए के मकान में रहता था।
आयान जावेद का अमन सोसाइटी में अपना घर है। उसके बारे में कुछ लोग बताते हैं कि वह साइबर कैफे चलाता है, तो कुछ का कहना है कि पुराना बाजार में कपड़े बेचता था।
शबनम बच्चों को अंग्रेजी, उर्दू और हिंदी पढ़ाती थी। आयान ने बाइपास रोड में द ब्रांड हाउस के नाम से कपड़ों का शोरूम खोल रखा था। इधर, शहजाद के बारे में मकान मालिक को भी कोई जानकारी नहीं है।
आसपास के लोगों से पूछताछ करने पर बताया गया कि उसका काफी कम लोगों से मिलना-जुलना था।

झारखंड ATS की टीम ने शनिवार को धनबाद के अलग-अलग जगहों से चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया था।
हिज्ब-उत-तहरीर पर बैन के बाद पहली FIR
आतंकी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (HUT) को केंद्र सरकार ने 10 अक्टूबर 2024 को प्रतिबंधित कर दिया था। इस संगठन को विधि विरुद्ध क्रिया कलाप निवारण अधिनियम (यूएपीए) के तहत प्रतिबंधित किया गया था। प्रतिबंध के बाद इस संगठन के खिलाफ देश में यह पहली एफआईआर है, जिसे ATS रांची थाने में दर्ज की गई है।
आयान और शबनम कंप्यूटर एक्सपर्ट
ATS की जांच में खुलासा हुआ है कि आयान और शबनम कंप्यूटर के एक्सपर्ट हैं। उन पर स्लीपर सेल को हैंडल करने का संदेह है। उनसे जब्त पेन ड्राइव, कंप्यूटर का हार्ड डिस्क, मोबाइल से कई जानकारियां मिली हैं। ऐसे में, धनबाद में और गिरफ्तारियां संभव हैं।
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तस्वीर 26 अप्रैल को झारखंड ATS के रेड और संदिग्धों को पकड़ने की है।
धनबाद के वासेपुर से गिरफ्तार 4 संदिग्ध आतंकवादी संगठन के सदस्य निकले हैं। झारखंड ATS ने चारों संदिग्धों को शनिवार को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार संदिग्धों में गुलफाम हसन, आयान जावेद, शहजाद और शबनम परवीन थे। ATS की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि ये सभी आतंकी संगठन हिज्ब-उत-ताहिर (एचयूटी), अलकायदा इंडियन सब कॉन्टिनेंट (एक्यूआईएस), ISI और अन्य प्रतिबंधित संगठनों के लिए स्लीपर सेल तैयार कर रहे थे। पुलिस ने बताया कि ये सभी सोशल मीडिया की मदद से युवाओं को गुमराह कर रहे थे। पूछताछ के बाद चारों को जेल भेज दिया गया है। पढ़िए पूरी खबर…