पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए हत्या के एक मामले में आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया है। आरोपी, कपिल उर्फ निन्नी, लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का सक्रिय सदस्य है, जिसने अन्य साथियों के साथ मिलकर एक व्यवसायी पर गोलीबारी की थी।
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न्यायपालिका का स्पष्ट संदेश
जस्टिस हरप्रीत सिंह बराड़ ने अपने फैसले में कहा कि न्यायपालिका एक स्पष्ट संदेश देना चाहती है कि नापाक गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों को कानूनी खामियाजा भुगतना पड़ेगा। कोर्ट ने कहा कि जबरन वसूली और हिंसा की गतिविधियों से प्रभावित क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक अस्थिरता उत्पन्न हो रही है, जिसका दूरगामी प्रभाव है। अपराधियों को खुला छोड़ने से समाज में भय और अव्यवस्था का माहौल बनता है, जिसे रोका जाना आवश्यक है।
गवाहों और सबूतों की सुरक्षा पर जोर
याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि कपिल का नाम एफआईआर में नहीं है और पुलिस ने उसे सह-अभियुक्तों के बयानों के आधार पर फंसाया है, जिसका कोई कानूनी मूल्य नहीं है। हालांकि, सरकारी वकील ने कहा कि कपिल एक आदतन अपराधी है और कई मामलों में बरी हो चुका है, क्योंकि उसके खिलाफ गवाही देने से लोग डरते हैं। कोर्ट ने कहा कि कपिल पहले से ही 9 मामलों का सामना कर रहा है और उसे 2 मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है।
गैंगस्टर संस्कृति पर अदालत की टिप्पणी
जस्टिस बराड़ ने कहा कि गैंगस्टर संस्कृति, विशेष रूप से जबरन वसूली रैकेट, समाज के लिए एक गंभीर खतरा है। ऐसे अपराधियों को जमानत देने से उनके आपराधिक इरादे और मजबूत होंगे और सबूतों से छेड़छाड़ व गवाहों को डराने का खतरा बना रहेगा। कोर्ट ने कहा कि इस तरह की गतिविधियां समाज में भय और अस्थिरता का माहौल पैदा करती हैं, जिसे नियंत्रित करना अत्यंत आवश्यक है।
गवाह सुरक्षा योजना लागू करने का निर्देश
अदालत ने पुलिस को गवाहों की सुरक्षा के संबंध में ‘गवाह सुरक्षा योजना 2018 के तहत आवश्यक कदम उठाने का निर्देश दिया। अदालत ने कपिल की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि न्यायपालिका को ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए कानून का पालन करने वाले समाज की नींव की रक्षा करनी चाहिए।