गोरखपुर में वृद्धावस्था पेंशन योजना के लाभार्थियों का व्यापक स्तर पर सत्यापन शुरू हो गया है। समाज कल्याण विभाग की टीमें गांव और शहर दोनों इलाकों में घर-घर जाकर यह जांच कर रही हैं कि पेंशन पाने वाले लोग वास्तव में जीवित और पात्र हैं या नहीं। इस कार्रव
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हर महीने मिलती है 1000 रुपये की पेंशन
समाज कल्याण विभाग के अनुसार, प्रदेश सरकार 60 साल या उससे अधिक उम्र के वृद्धजनों को हर महीने 1000 रुपये की वृद्धावस्था पेंशन देती है। यह पैसा सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में भेजा जाता है। लेकिन हाल के महीनों में शिकायतें मिली थीं कि कई मृतकों के नाम पर भी पेंशन जारी हो रही है। इसके अलावा कुछ ऐसे लोग भी पेंशन ले रहे हैं जो नियमों के अनुसार अपात्र हैं।
25 मई तक पूरा होगा सत्यापन
इसी को देखते हुए शासन ने पूरे प्रदेश में सत्यापन अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। गोरखपुर में यह अभियान शुरू हो चुका है और 25 मई तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। सत्यापन के दौरान जिन लोगों के नाम मृतक या फर्जी पाए जाएंगे, उन्हें पोर्टल से तत्काल हटाया जाएगा।
सिर्फ सत्यापित लोगों को मिलेगी पहली तिमाही की पेंशन
जिला समाज कल्याण अधिकारी वशिष्ठ नारायण सिंह ने बताया कि सत्यापन का काम पूरी पारदर्शिता से किया जा रहा है। इसके बाद ही वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल, मई, जून) की पेंशन जारी की जाएगी। यानी पात्र पाए गए लाभार्थियों के खाते में कुल 3000 रुपये की राशि एक साथ भेजी जाएगी।
दस्तावेज न होने पर पेंशन रुक सकती है
अधिकारियों का कहना है कि जिन लोगों का सत्यापन नहीं हो पाएगा या जानकारी अधूरी मिलेगी, उन्हें पेंशन से वंचित होना पड़ेगा। इसलिए लाभार्थियों से अपील की गई है कि जब टीम घर पहुंचे, तो जरूरी दस्तावेज जैसे पहचान पत्र, आयु प्रमाणपत्र और बैंक पासबुक साथ रखें।
2024-25 की सूची के आधार पर हो रही जांच
फिलहाल विभाग 2024-25 की लिस्ट के आधार पर ही पुनः जांच कर रहा है और आगामी सूची उसी के आधार पर अपडेट की जाएगी।