गोरखपुर के शाहपुर के बशारतपुर रहने वाले और वर्तमान में गाजियाबाद के गैस गोदाम लेन गोला विस्ता में रह रहे सेवानिवृत्त संयुक्त आयकर आयुक्त संत प्रकाश साइबर ठगों के शिकार हो गए। इंग्लैंड के नंबरों से आई कॉल और फर्जी निवेश स्कीम के जरिए उनसे 47.86 लाख रु
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फेसबुक विज्ञापन से शुरू हुई ठगी
संत प्रकाश ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि 7 नवंबर 2024 को फेसबुक पर बिटक्वाइन में निवेश से जुड़ा एक विज्ञापन देखा। विज्ञापन में दावा किया गया था कि 10 हजार रुपये निवेश करने पर लाखों रुपये तक का मुनाफा हो सकता है। उन्होंने विज्ञापन में दिए गए लिंक पर क्लिक कर एक फॉर्म में अपनी जानकारी भर दी।
ऐप डाउनलोड कराने के बाद जूम मीटिंग से जोड़ा
जानकारी देने के कुछ ही समय बाद उन्हें इंग्लैंड के अलग-अलग नंबरों से कॉल आने लगे। कॉल करने वाले ने खुद को एक बड़ी विदेशी क्रिप्टो कंपनी का प्रतिनिधि बताया और एक ऐप डाउनलोड करने को कहा। ऐप के ज़रिए उन्हें जूम मीटिंग में जोड़ा गया और निवेश के लिए लगातार प्रेरित किया गया।
तीन महीने में 26 बार में भेजे 47.86 लाख रुपये
संत प्रकाश ने 16 नवंबर 2024 से 5 फरवरी 2025 के बीच देश के अलग-अलग बैंकों से 26 बार में कुल 47.86 लाख रुपये ट्रांसफर किए। शुरुआत में ऐप पर मुनाफा दिखाया गया, लेकिन कुछ ही समय बाद कंपनी के सभी नंबर बंद हो गए और रिफंड की कोई प्रक्रिया नहीं दी गई।
साइबर एक्सपर्ट की चेतावनी: ऐसे मामलों से ऐसे बचें
साइबर विशेषज्ञ उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इस तरह की ठगी से बचने के लिए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है:
• क्रिप्टो वॉलेट और निजी कुंजियों को किसी के साथ साझा न करें।
• अनजान लिंक या ऐप पर क्लिक करने से बचें।
• फोन, लैपटॉप और अन्य डिवाइसेज़ को अपडेट रखें और एंटीवायरस का इस्तेमाल करें।
• निवेश करने से पहले संबंधित प्लेटफॉर्म और कंपनी की सच्चाई जरूर जांच लें।
• किसी पंजीकृत निवेश सलाहकार से सलाह लें।
• सोशल मीडिया पर आने वाले निवेश संबंधी विज्ञापनों पर आंख मूंदकर भरोसा न करें।