गोल्डन टेंपल अमृतसर का मनमोहक दृश्य।
पंजाब के अमृतसर व गोल्डन टेंपल में आज (शुक्रवार) दिवाली और बंदी छोड़ दिवस मनाया जा रहा है। दिल्ली दंगों की 40वीं बरसी के मौके पर गोल्डन टेंपल में दिवाली के दौरान आतिशबाजी नहीं होगी। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत
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लेकिन, इस बार शाम के समय 1 लाख से अधिक दीये जलाए जाएंगे। गोल्डन टेंपल में दीयों की यह रोशनी उन निर्दोष लोगों की याद में की जाएगी, जिन्होंने 1984 के दंगों में अपने प्राण गंवाए। SGPC के इस निर्णय का उद्देश्य दंगों के दौरान जान गंवाने वालों के प्रति संवेदना प्रकट करना और उनके परिवारों के प्रति एकजुटता दिखाना है।
दिवाली व बंदी छोड़ दिवस के इस पवन दिन पर सुबह से ही श्रद्धालु गोल्डन टेंपल पहुंचना शुरू हो गए। सुबह पालकी साहिब के समय से ही श्रद्धालु गोल्डन टेंपल के पवित्र सरोवर में ढुबकी लगाते हुए दिखे। वहीं, आज शाम को गोल्डन टेंपल परिसर के अंदर लाइटिंग की जाएगी।
गोल्डन टेंपल का मनमोहक दृश्य।
जत्थेदार का आदेश, लाइटिंग ना करें
दिल्ली दंगों की 40वीं वर्षगांठ को देखते हुए जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने आदेश दिया है कि श्रद्धलु अपने घरों और गुरुद्वारों में केवल घी के दीये जलाएं और बिजली की सजावट से परहेज करें। इसे देखते हुए सिर्फ शाम के समय ही गोल्डन टेंपल परिसर में लाइटिंग की जाएगी। इसके अलावा बाहर घरों व गुरुद्वारों में कहीं भी लाईटिंग से परहेज करने की सलाह दी है।
श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तैयारियां पूरी
देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यहां तैयारियां सुबह से शुरू हो गई। लंगर में दाल-रोटी के अलावा खीर, जलेबी भी परोसी जाएगी। इसके अलावा गोल्डन टेंपल के अंदर जलो भी सजाए जाएंगे। ये वे पुरातन इताहिसिक दरोहरें हैं, जिल्हें कुछ खास दिनों में ही श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए गोल्डन टेंपल के अंदर सजाया जाता है।

गोल्डन टेंपल परिसर के बाहर चल रहा फव्वारा।
52 राजाओं को मुगलों की कैद से छुड़ाया था श्री गुरु हरगोबिंद सिंह जी ने
दिवाली के दिन श्री राम सीता माता और लक्ष्मण जी के साथ रावण पर विजय पाने के बाद अयोध्या लौटे थे, लेकिन सिख इतिहास में आज ही के दिन श्री गुरु हरगोबिंद सिंह जी ने 52 राजाओं को अपनी सूझबूझ से मुगलों की कैद से छुड़ाया था।
यह बात बादशाह जहांगीर के भारत पर राज करते समय की है। सिख धर्म के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए बादशाह जहांगीर ने सिखों के 6वें श्री गुरू हरगोबिंद सिंह जी को बंदी बना लिया था। उन्हें ग्वालियर के किले में कैद कर दिया। यहां पहले से ही 52 हिन्दू राजा कैद थे, लेकिन संयोग से जब जहांगीर ने श्री गुरू हरगोबिंद सिंह जी को कैद किया तो वह बहुत बीमार पड़ गए।
काफी इलाज के बाद भी वह ठीक नहीं हो रहे थे। काजी ने सलाह दी कि श्री गुरु हरगोबिंद सिंह जी को छोड़ दें, लेकिन श्री हरगोबिंद सिंह जी ने अकेले जाने से मना कर दिया और सभी राजाओं को रिहा करने के लिए कहा।
जब गुरु हरगोबिंद सिंह जी ने धारण किया था 52 कलियों वाला कुर्ता
गुरु हरगोबिंद सिंह जी की बात सुनने के बाद जहांगीर ने भी शर्त रख दी कि वही राजा उनके साथ बाहर जाएगा, जो उनके पहनावे की कली को पकड़ पाएगा, लेकिन श्री गुरु हरगोबिंद सिंह जी ने एक ऐसा कुर्ता पहना, जिसकी 52 कलियां थी। जिसे पकड़ कर सभी 52 राजे ग्वालियर के किले से बाहर आ गए थे। उन्हीं के आजाद होने पर दिवाली के दिन को बंदी छोड़ दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
अब देखें गोल्डन टेंपल की PHOTOS…

गोल्डन टेंपल में दाखिल होने के लिए लाइनों खड़े श्रद्धालु।

आस्था के साथ अपने स्वास्थ के लिए अरदास करने पहुंचा श्रद्धालु।

लंगर हाल में जलेबियां भी श्रद्धालुओं को दी जा रही हैं।

लंगर परिसर में बड़ी गिनती में श्रद्धालु लंगर का आनंद रहते हुए।

कड़ाह प्रसाद लेते हुए श्रद्धालु।

गोल्डन टेंपल का मनमोहक दृश्य।