अमृतसर में प्रकाश पर्व पर सजाया गया धार्मिक दीवान
दशम पातशाह श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाश पर्व सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में श्रद्धापूर्वक मनाया गया। इस मौके पर करीब दो लाख श्रद्धालुओं सचखंड श्री हरमंदिर साहिब पहुंचकर दर्शन किए और गुरबाणी कीर्तन किया। सचखंड श्री हरमंदिर साहिब में अमृत समय से ही
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आज सचखंड श्री हरमंदिर साहिब, श्री अकाल तख्त साहिब और गुरुद्वारा बाबा अटल राय साहिब को अलौकिक रोशनी से सजाया गया, जिसका संगत ने लुत्फ उठाया। इस बीच, 10वें पातशाह जी के प्रकाश गुरुपर्व के संबंध में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब दीवान हॉल में श्री अखंड पाठ साहिब का भोग रखा।
अमृतसर में श्री दरबार साहिब में नतमस्तक होते श्रद्धालु
श्री गुरु गोबिंद सिंह के जीवन पर डाला प्रकाश
सचखंड श्री हरिमंदर साहिब में मौजूद रागी भाई हरपाल सिंह के जत्थे ने कीर्तन किया। प्रार्थना भाई गुरचरण सिंह द्वारा की गई और पवित्र हुकमनामा सचखंड श्री हरमंदिर साहिब के ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी राजदीप सिंह द्वारा संगत को दिया गया। उन्होंने श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन इतिहास को संगत के साथ साझा किया और संगत को अमृत का उपहार प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।
गुरुद्वारा श्री मंजी साहिब में रागी, ढाडी, क्वेशर, प्रचारकों और पंथक कवियों ने पूरे दिन धार्मिक दीवान में भाग लिया और संगत के साथ गुरु साहिब के जीवन इतिहास को साझा किया। इस बीच, सचखंड श्री हरमंदिर साहिब के मुख्य ग्रंथी और श्री अकाल तख्त के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रघबीर सिंह ने भक्तों को श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती पर बधाई दी और उन्हें गुरु की शिक्षाओं के अनुसार अमृतधारी प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया।

श्री दरबार साहिब पहुंचे श्रद्धालु
सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने भी टेका माथा
इस अवसर पर संगरूर से लोकसभा सांसद गुरमीत सिंह मीत हेयर ने भी माथा टेका। उन्होंने अरदास के बाद कहा कि वो इस पवन अवसर पर समूची संगत को बधाई देते हैं। उन्होंने कहा कि कहीं भी ऐसा नहीं हुआ कि किसी गुरु ने अपनी कौम के लिए अपने सारे परिवार को न्योछावर कर दिया हो। इसीलिए वो उस गुरु के समक्ष नतमस्तक हैं।

पवित्र सरोवर की परिक्रमा करते करते श्रद्धालु

गोल्डन टेंपल पहुंचे श्रद्धालु

गोल्डन टेंपल पहुंचे श्रद्धालु
यह पदाधिकारी रहे उपस्थित
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य रजिस्ट्रार ज्ञानी अमरजीत सिंह, ज्ञानी राजबीर सिंह, ज्ञानी बलजीत सिंह, ज्ञानी परविंदरपाल सिंह, ज्ञानी केवल सिंह, श्री दरबार साहिब के मैनेजर सुरजीत सिंह भिट्टेवड, भाई मंजीत सिंह भूराकोहना, भाई अजय सिंह प्रकाश, भाई चरणजीत सिंह जस्सोवाल। भगवंत सिंह धंगेरा, अधीक्षक मलकीत सिंह बेहरवाल, मैनेजर स. जगतार सिंह, नरेंद्र सिंह, अतिरिक्त प्रबंधक इकबाल सिंह मुखी, बिक्रमजीत सिंह झांगी, स. गुरिंदर सिंह देवीदासपुर, स. जुगराज सिंह, स. गुरतिंदरपाल सिंह, स. अजय सिंह समेत संगत मौजूद रही।