मेरठ STF ने फर्जी सर्टिफिकेट से डाक विभाग में नौकरी लगवाने वाले गैंग का खुलासा किया। इस गैंग के तार यूपी से लेकर बिहार, पंजाब तक जुडे़ हैं। डाक विभाग में नौकरी लगवाने की इनकी पूरी प्लानिंग रहती थी। डाक विभाग के पोस्टमैन से लेकर डाक अधीक्षक सभी मिले ह
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गैंग के सदस्यों का अलग-अलग काम तय था। मसलन, कौन अभ्यर्थी लाएगा। कौन मार्कशीट बनाएगा। कौन ऑनलाइन डेटा फीड करेगा। इस काम के लिए 1 कैंडिडेट से 4 से 5 लाख रुपए लिए जाते थे। फेल मार्कशीट की जगह अलग-अलग यूनिवर्सिटी की मार्कशीट तैयार की जाती थी। फिजिकल डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन के लिए डाक विभाग के अधिकारियों को 1 लाख रुपए दिए जाते थे।
STF के SP बृजेश कुमार सिंह ने बताया- पूरे देश में 44 हजार 228 पदों पर और यूपी में 5 हजार पदों पर डाक विभाग में ग्रामीण डाक सेवक (GDS) भर्ती प्रक्रिया चल रही है। 15 जुलाई, 2024 को नोटिफिकेशन जारी हुआ था। 23 अगस्त, 2024 को मेरिट लिस्ट जारी हुई। 30 अगस्त से यूपी के अलग-अलग जिलों में डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन हो रहा है। आरोपियों ने अब तक अलग-अलग जिलों में 20 अभ्यर्थियों के डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन करवाए हैं।
गैंग के पांच मेंबर की गिरफ्तारी से खुला राज SP बृजेश कुमार सिंह ने बताया- मुखबिर से सूचना मिली कि एक गैंग भारतीय डाक विभाग में ग्रामीण डाक सेवक के पद पर फर्जी मार्कशीट तैयार करके युवाओं को भर्ती करा रहा है। जिसकी सूचना पर STF की टीम ने अलीगढ़ में जाल बिछाया। गैंग के मेंबर अलीगढ़ सिविल लाइन के भमोला पुल के पास तीन कारों में बैठकर अपने साथी के आने का इंतजार कर रहे थे।
30 सितंबर को कराया 5 अभ्यर्थियों का वैरिफिकेशन SP बृजेश कुमार सिंह ने बताया- टीम ने मौके से गैंग के पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। इनमें मुख्य सरगना साजिद अली निवासी धरावती अमरोहा, साकिब वैट हापुड़, विकल यादव निवासी भानूपुरा फिरोजाबाद, सुहैल निवासी बहजोई कुरैशियान संभल और अहम मिश्रा निवासी मदारगेट सौतियाना मैनपुरी ने बताया कि 30 सितंबर को विकल यादव के माध्यम से 5 अभ्यर्थियों वैरिफिकेशन कराया गया। 2 अभ्यर्थियों का वैरिफिकेशन 1 अक्टूबर को कराना था।
चार से पांच लाख में फंसाते थे शिकार गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि वह भारतीय डाक विभाग में ग्रामीण डाक सेवक के पद पर भर्ती के लिए प्रत्येक अभ्यर्थी से 4 से 5 लाख रुपए लेते थे। गिरोह के सदस्य ही अभ्यर्थी के लिए विभिन्न विश्वविद्यालय (सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ, राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय, बिहार शिक्षा बोर्ड पटना) की मार्कशीट तैयार करते थे।
डाक विभाग में अभ्यर्थी की डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन के लिये डाक अधीक्षक संजय कुमार सिंह को ड्राइवर विकल यादव के माध्यम से प्रत्येक अभ्यर्थी के 1 लाख रुपए के हिसाब से देते थे। बाकी रकम आपस में बांट लेते थे।
मैनपुरी में पोस्टमैन चला रहा था डाक अधीक्षक की गाड़ी गिरफ्तार विकल यादव ने बताया कि वह मैनपुरी में पोस्टमैन के पद पर नियुक्त है। वर्तमान में डाक अधीक्षक मैनपुरी की गाड़ी चलाता है। साजिद जो फर्जी मार्कशीट तैयार करता है, उससे उसकी मुलाकात तत्कालीन डाक अधीक्षक मैनपुरी देवेंद्र कुमार सिंह के समय में हुई थी। देवेंद्र कुमार सिंह वर्तमान में झांसी में तैनात हैं। साजिद देवेंद्र कुमार सिंह से मिलने उनके घर और आफिस आता-जाता रहता था।
डाक अधीक्षक से मैनपुरी से थी जान पहचान अलीगढ़ के डाक अधीक्षक संजय कुमार सिंह पूर्व में मैनपुरी में नियुक्त रह चुके थे, इनकी गाड़ी भी विकल यादव चलाता था, ऐसे में वह उनसे पहले से परिचित था। साजिद ने डाक अधीक्षक संजय कुमार सिंह से वैरिफिकेशन के लिये प्रत्येक अभ्यर्थी के 1 लाख रुपए तय देने को कहा तो संजय कुमार सिंह राजी हो गया। साजिद के कहने पर उसने कई अभ्यर्थियों के प्रथम व द्वितीय स्तर की फर्जी वैरिफिकेशन कर दी।
सभी का बंटा हुआ था अलग-अलग काम गिरफ्तार साजिद ने बताया वह विभिन्न विश्वविद्यालयों-बोर्डों की फर्जी मार्कशीट तैयार कर उनका ऑनलाइन डेटा तैयार करता ह। साजिद मार्कशीट गाजियाबाद के विकास से बनवाकर सॉफ्ट कापी अपने वॉट्सऐप पर मंगवाता था। उसका प्रिंटआउट वह आदिल निवासी ढक्का अमरोहा से कराता था। फर्जी मार्कशीटों का ऑनलाइन डेटा साहिल निवासी लधियाना पंजाब से फीड कराता था।
सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ, राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय, बिहार शिक्षा बोर्ड पटना की मार्कशीट व ऑनलाइन डेटा रिकार्ड में रविंद्र से फीड कराता था। दीपक सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ की फर्जी मार्कशीट तैयार करने में मदद करता था। शाकिब और गैंग के अन्य सदस्य अभ्यर्थी लाते थे।
गैंग के 5 सदस्यों और 8 अभ्यर्थियों को किया गया है गिरफ्तार मेरठ STF ने इस मामले में गैंग के मुखिया समेत पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आठ अभ्यर्थियों को भी गिरफ्तार किया गया है। सभी 13 आरोपियों के खिलाफ अलीगढ़ के सिविल लाइन थाने में फर्जी तरीके से मार्कशीट तैयार कर भारतीय डाक विभाग में ग्रामीण डाक सेवक पद पर भर्ती कराने के मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
कई राज्यों के फर्जी प्रमाण पत्र बरामद आरोपियों के पास से तीन कार, 14 मोबाइल, कई राज्यों के फर्जी प्रमाण पत्र बरामद हुए हैं। इनमें 21 फर्जी मार्कशीट (बिहार मुक्त विद्यालयी शिक्षण और परीक्षा बोर्ड पटना) की है। एक फर्जी मार्कशीट द वेस्ट बंगाल काउंसिल ऑफ रविंद्र ओपन स्कूलिंग की है।
इसके अलावा अभियुक्त साजिद के मोबाइल में सुभारती यूनिवर्सिटी मेरठ, राजस्थान विद्यापीठ यूनिवर्सिटी, बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड पटना और द वेस्ट बंगाल काउंसिल ऑफ रविंद्र ओपन स्कूलिंग की मार्कशीट की सॉफ़्ट कॉपी भी बरामद हुई हैं।
ये हैं गैंग के सदस्य
- मुख्य सरगना साजिद अली निवासी धरावती अमरोहा
- साकिब निवासी वैट हापुड़
- विकल यादव निवासी भानूपुरा फिरोजाबाद
- सुहैल निवासी बहजोई कुरैशियान संभल
- अहम मिश्रा निवासी मदारगेट सौतियाना मैनपुरी
गिरफ्तार अभ्यर्थी
- प्रियाकुल चौधरी निवासी गगौडाजट बिजनौर।
- हेमंत कुमार निवासी मिर्जापुर बिजनौर।
- सुमित चौधरी निवासी मिर्जापुर बिजनौर।
- गौरव चौधरी निवासी ग्राम बांकपुर बिजनौर
- कासिम निवासी अकराबाद अलीगढ़।
- आसिफ निवासी सिकरोड़ा गाजियाबाद।
- प्रशांत कुमार निवासी बहजोई संभल।
- अभिषेक चौधरी निवासी गगौडाजट बिजनौर।