ग्वालियर-श्योपुर ब्रॉडगेज प्रोजेक्ट पूरा होने से पहले ही उसमें भ्रष्टाचार की परतें खुलने लगी हैं। रेलवे के अफसरों और ठेकेदारों की मिलीभगत का आलम यह है कि ट्रेन अभी आधे रास्ते ही दौड़ पाईं कि इसी बीच रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म धंसकने लगे हैं। महज 12 म
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विशेषज्ञों ने इसे भयावह बताते हुए, बड़ा हादसा होने की आशंका जताई है। ग्वालियर, मुरैना और श्योपुर के 50 लाख लोगों के लिए 2300 करोड़ की लागत का यह प्रोजेक्ट अहम है। अफसरों ने गुपचुप तरीके से मेंटेनेंस कराकर इन घटिया कामों को छिपाने की कोशिश भी की है।
दैनिक भास्कर रिपोर्टर ने हकीकत जानी तो पता चला कि ये रेलवे लाइन अभी पूरी तरह व सुरक्षित तौर पर तैयार नहीं है फिर भी इस पर ट्रेनें दौड़ाई जा रही हैं। फिलहाल इस ट्रैक पर ग्वालियर से कैलारस तक तीन मैमू ट्रेन आती और जाती हैं। इसके आगे सबलगढ़ व श्योपुर आदि स्टेशनों का काम चल रहा है। वहीं श्योपुर से कोटा तक 94 किमी नई लाइन का काम भी जारी है।
बानमोर-सुमावली के बीच ट्रैक की मिट्टी बही
जहां प्लेटफार्म धंसके हैं, हम उन्हें रिपेयर करा रहे
^रेलवे स्टेशन की इमारतों का काम नीचे से कॉलम पर किया गया था। प्लेटफार्म के धंसकने की जहां-जहां दिक्कत आई है, वहां हम रिपेयरिंग करा रहे हैं। -हरीश भाटी, भाटी एसोसिएट
4 गाड़ियों का आना-जाना, सुरक्षा का ध्यान रख रहे
ग्वालियर से कैलारस तक तीन गाड़ियों का आना-जाना है। हम ट्रैक पर यात्री सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही ट्रेन चलाते हैं। जहां-जहां ट्रैक के पास मिट्टी दरक रही है, वहां काम कराया जाएगा। -शशिकांत त्रिपाठी, सीपीआरओ, NCR