मप्र हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने लिव-इन-रिलेशन के मामले में अहम फैसला सुनाया है। पीठ ने एक जनहित याचिका का निराकरण करते हुए कहा है कि युवती यदि वयस्क है तो वह अपनी मर्जी से जहां जाना चाहे जा सकती है। न्यायालय ने इस संबंध में संबंधित पक्षों के स्प
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युवती के बारे में पता लगा है कि वह वन स्टॉप सेंटर में रह रही है। युवती को वन स्टॉप सेंटर में रखने के खिलाफ लगाई गई याचिका में याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि उसके वन स्टॉप सेंटर में रहने वाली युवती के साथ भावनात्मक संबंध हैं। लेकिन युवती के परिवार के सदस्य इसके खिलाफ हैं। दोनों लिव-इन-रिलेशन में रह रहे थे। इस बीच जब युवती माता-पिता के बाद पुलिस के पास पहुंची तो पुलिस ने उसे वन स्टॉप सेंटर भेज दिया था। याचिकाकर्ता का कहना था कि उसे अवैध रूप से वन स्टॉप सेंटर में रखा गया है।
याचिकाकर्ता के वकील का कहना था कि लड़की वयस्क है और वह जहां जाना चाहे जा सकती है। न्यायालय ने सभी पक्षों को सुनने के बाद सरकारी वकील को निर्देश दिया कि युवती के बारे में दिए गए बयान की पुष्टि करे और यदि वह वयस्क पाई जाती है, तो वह जहां जाना चाहे जा सकती है। लिहाजा इस मामले में किसी अन्य आदेश की आवश्यकता नहीं है।