चंडीगढ़ नगर निगम, जो वित्तीय संकट से जूझ रहा है, अब बिजली-पानी फ्री देने की तैयारी कर रहा है। चंडीगढ़ नगर निगम जल्द एक प्रपोजल बना रहा है, जिसमें वह शहर की सभी गौशालाओं को बिजली-पानी फ्री करने जा रहा है।
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रिटायर्ड कर्मचारियों के पेंशन फंड से 50 करोड़ रुपए निकालकर 2157 रेगुलर, 75 कॉन्ट्रैक्ट और 6972 आउटसोर्स कर्मचारियों की फरवरी की सैलरी और वेजेस जारी किए गए हैं। चंडीगढ़ नगर निगम का करोड़ों रुपए का प्रॉपर्टी टैक्स पीजीआई और पीयू के पास बकाया है, जो अभी तक भरा नहीं गया है। जबकि नगर निगम द्वारा पैसे भरने के लिए कई बार रिमाइंडर भी भेजे जा चुके हैं।
पेंशन फंड से 6 करोड़ का बिजली बिल भरा गया नगर निगम के पेंशन अकाउंट में 96 करोड़ रुपए जमा थे। 5 मार्च को कजौली वाटर वर्क्स के बिजली बिल का भुगतान करने के लिए चंडीगढ़ नगर निगम के पास पैसे नहीं थे, तो उसने पेंशन फंड से 6 करोड़ रुपए का बिजली बिल भर दिया। अकाउंट ब्रांच के हेड ने पेंशन अकाउंट की एफडी तुड़वाकर 50 करोड़ रुपए उधार लेने की फाइल निगम कमिश्नर से अप्रूव कराई।
अप्रूवल मिलते ही बैंक अधिकारियों को बुलाकर एफडी तुड़वाई गई। यह रकम कर्मचारियों के सैलरी अकाउंट में ट्रांसफर की गई।
शहर में 4 गोशालाएं शहर में 4 बड़े गोशाला है, जो रायपुर कलां, सेक्टर-25, सेक्टर-45, गांव मलोया में है। रेगुलर कर्मचारियों की सैलरी पर हर महीने 16.5 करोड़ और आउटसोर्स वेजेज पर 26 करोड़ खर्च होते हैं। पेंशन पर 4.50 करोड़ खर्च होता है। कुल मिलाकर हर माह 47 करोड़ रुपए सैलरी, वेजेज और पेंशन पर खर्च होते हैं। निगम की गाड़ियों के पेट्रोल और डीजल पर हर माह 2.50 करोड़ खर्च होता है।
पेंशन अकाउंट से पैसा निकालने पर कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं था। यहां तक कि कहा गया कि लोन लेकर सैलरी दी जाएगी। लोन लेने के लिए प्रॉपर्टी गिरवी रखनी होती है। इसका एजेंडा हाउस से पास कराना पड़ता है। यह प्रक्रिया होली के बाद ही पूरी हो पाती।