आयुष्मान योजना में करोड़ों का घोटाला।
चंडीगढ़ पीजीआई में आयुष्मान योजना के कैशलेस इलाज में हुए करोड़ों के घोटाले और धोखाधड़ी की जांच अब हिमकेयर योजना तक पहुंच गई है। चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच ने इस मामले में हिमकेयर के डाटा ऑपरेटर कपिल को गिरफ्तार किया है। इससे पहले पुलिस ने बलराम नामक आरोपी
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बलराम ने कहा घोटाले में हिमकेयर का डाटा ऑपरेटर कपिल भी शामिल था। अगर हिमकेयर योजना में भी घोटाले की पुष्टि होती है, तो हिमाचल प्रदेश सरकार को इस योजना के मॉड्यूल में बदलाव करना पड़ सकता है।
पहली बार पी.जी.आई. कर्मचारी की भूमिका आई सामने
पुलिस जांच में सामने आया कि कपिल, नेहरू अस्पताल में हिमकेयर योजना के काउंटर पर बतौर डाटा ऑपरेटर काम करता था। यह पहली बार है जब पी.जी.आई. के अंदर काम करने वाले कर्मचारी की इस घोटाले में संलिप्तता सामने आई है। इससे पहले गिरफ्तार किया गया आरोपी बलराम पी.जी.आई. का कर्मचारी नहीं था।

पुलिस जांच कर रही है कि कपिल और बलराम सिर्फ आयुष्मान योजना में गड़बड़ी कर रहे थे या हिमकेयर योजना में भी फर्जीवाड़ा हुआ है। क्राइम ब्रांच यह भी पता लगा रही है कि इस पूरे रैकेट में कितने का घोटाला हुआ और कपिल किस तरह बलराम की मदद करता था।