चंडीगढ़ कोर्ट में पीड़िता ने किया पहचानने से इनकार आरोपी बरी।
चंडीगढ़ सेक्टर-43 कोर्ट परिसर से जिला अदालत ने 17 वर्षीय नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार किए गए रायपुर खुर्द निवासी अनिल कुमार को बरी कर दिया है। अदालत ने यह फैसला गवाहों के बयानों, पीड़िता के पलटने और सीएफएसएल रिपोर्ट में भ्रूण से डीएन
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सीएफएसएल की रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया कि पीड़िता के गर्भ से निकाले गए भ्रूण से किसी भी डीएनए प्रोफाइल की पुष्टि नहीं हो सकी। इससे यह सिद्ध नहीं हो सका कि भ्रूण का पिता कौन था। यह रिपोर्ट अभियोजन पक्ष की दलीलों को कमजोर करती रही।
यह था मामला
30 दिसंबर 2022 को मौलीजागरां थाना पुलिस को सेक्टर-16 अस्पताल से सूचना मिली थी कि एक 17 वर्षीय नाबालिग गर्भवती हालत में भर्ती हुई है। अस्पताल में डब्ल्यू.सी.एच.एल. की काउंसलर की मौजूदगी में पीड़िता ने बताया था कि वह अनिल नामक युवक के साथ रिलेशनशिप में थी, जो उसके भाई का दोस्त है।
उसने कहा था कि वे दोनों शादी करना चाहते थे और सहमति से दो बार शारीरिक संबंध बनाए थे। गर्भधारण की पुष्टि के बाद वह गर्भपात कराना चाहती थी। उसने काउंसलर से यह भी कहा था कि वह अनिल के खिलाफ कोई शिकायत नहीं देना चाहती, क्योंकि वह उससे विवाह करना चाहती है।
ऐसे दर्ज हुआ केस
डब्ल्यू.सी.एच.एल. की रिपोर्ट के आधार पर मौलीजागरां पुलिस ने एक जनवरी 2023 को भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)(एन) के तहत केस दर्ज कर अनिल कुमार को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने पीड़िता के 164 सीआरपीसी के तहत मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान भी दर्ज कराए थे।