नीली टी शर्ट में पूर्व डीएसपी राम चंद्र मीणा और केएलजी होटल ग्रुप के मालिक अमन ग्रोवर।
40 लाख रुपए रिश्वत मामले में चंडीगढ़ सीबीआई की विशेष अदालत ने यूटी पुलिस के निलंबित डीएसपी राम चंद्र मीणा और केएलजी होटल ग्रुप के मालिक अमन ग्रोवर को दोषी करार दे चुकी है। अब कुछ देर सीबीआई की विशेष अदालत सजा का ऐलान करेगी।
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क्या है पूरा मामला समझिए… मामला 12 अगस्त 2015 का है, जब सीबीआई ने ट्रैप लगाकर इकोनॉमिक सेल के एसआई सुरेंद्र और बर्कले ऑटोमोबाइल्स के मालिक संजय दहूजा को 40 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। जांच में डीएसपी मीणा और अमन ग्रोवर की संलिप्तता सामने आई थी, जिसके बाद उन्हें भी गिरफ्तार किया गया था।
केएलजी होटल ग्रुप के मालिक अमन ग्रोवर की सास दीपा दुग्गल ने 12 दिसंबर 2014 को इकोनॉमिक सेल में एक संपत्ति विवाद में गुरकिरपाल सिंह चावला, जगजीत कौर चावला और हमरीत सिंह चावला के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था।
इसके बाद अमन ग्रोवर ने आरोपी पक्ष से संपर्क कर मामले में समझौते के लिए 5 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी थी, जो बाद में 70 लाख रुपए तक तय हुई। लेकिन रिश्वत मांगने की शिकायत सीबीआई तक पहुंच गई, जिसके बाद यह कार्रवाई हुई।
एक आरोपी की मौत, दूसरा बना सरकारी गवाह इस मामले में आरोपी एसआई सुरेंद्र की मौत हो चुकी है, जबकि संजय दहूजा को सीबीआई ने सरकारी गवाह बना लिया। जांच के दौरान इंस्पेक्टर चरणजीत सिंह और इंस्पेक्टर जसविंदर सिंह को भी सरकारी गवाह बनाया गया। सीबीआई ने 2,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें 30 गवाहों को सूचीबद्ध किया गया था।