महापौर कुलदीप कुमार का फाइल फोटो।
चंडीगढ़ में महापौर कुलदीप कुमार ने नगर निगम की शाखाओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके द्वारा मांगी गई जानकारी समय पर उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। उन्होंने इस संबंध में नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखकर जानकारी की अदायगी में हो रही देरी पर कड़ी नाराजगी
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किसी नोटिस का नहीं मिला जवाब
महापौर ने अपने पत्र की एक प्रति चंडीगढ़ प्रशासन के स्थानीय निकाय सचिव को भी भेजी है। महापौर ने पत्र में लिखा, “मुझे यह बताते हुए खेद हो रहा है कि न तो मुझे अभी तक किसी नोट का जवाब मिला है, और न ही किसी अधिकारी ने मुझसे संपर्क किया है ताकि यह स्पष्ट किया जा सके कि जानकारी देने में देरी क्यों हो रही है। यह नगर निगम अधिनियम, 1976 की धारा 38 (6) का उल्लंघन है।
अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
उन्होंने नगर निगम आयुक्त से अनुरोध किया है कि जल्द से जल्द सभी प्रश्नों के उत्तर दिए जाएं और जानबूझकर देरी करने वाले अधिकारियों पर नियम अनुसार कार्रवाई की जाए। यह मामला हाल ही में आयोजित मासिक सदन की बैठक के दौरान भी उठाया गया था, जिसमें कई पार्षदों ने भी इस पर चिंता व्यक्त की थी। महापौर ने बैठक में स्पष्ट किया कि नगर निगम में प्रशासनिक प्रक्रियाओं का सही पालन होना अनिवार्य है, अन्यथा जवाबदेही तय की जाएगी।
नियुक्ति पर भी मांगा जवाब
महापौर ने नगर निगम आयुक्त से विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों, जैसे की गई कार्रवाई रिपोर्ट, स्वीकृत 3,205 पदों के स्थान पर 7,175 आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति, और सेवा नियमों में छूट देकर आउटसोर्स आधार पर सांख्यिकी सहायक की नियुक्ति पर भी जवाब मांगा है।