चंडीगढ़ में छतों पर सौर ऊर्जा पैनल लगाने की अनिवार्यता को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इस मुद्दे पर सेकेंड इनिंग्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आरके गर्ग ने यूटी प्रशासन के इस प्रावधान की वैधता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने यूटी सलाहकार को पत्र लिखकर कहा क
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गर्ग ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि हाल ही में जारी नोटिसों में भवन मालिकों को 60 दिनों के भीतर छतों पर सौर पैनल लगाने का निर्देश दिया गया है। यदि ऐसा नहीं किया गया तो बहाली की कार्रवाई शुरू करने की चेतावनी दी गई है। हालांकि, बाद में इसे इतना शिथिल कर दिया गया कि जिन्होंने पैनल लगाने के लिए आवेदन कर दिया, उन्हें अतिरिक्त समय मिल जाएगा और बहाली की कार्रवाई नहीं होगी।
1952 अधिनियम का गलत प्रयोग
आरके गर्ग ने कहा कि यह प्रावधान CREST के नियमों का उल्लंघन है और किसी भी विभाग को 1952 अधिनियम का सहारा लेकर अपने नियम लागू करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि 1952 का अधिनियम सुचारू विकास के लिए है, न कि जनता पर अनावश्यक दबाव डालने के लिए। उनके अनुसार, सौर पैनलों की अनिवार्यता को जोड़ने के लिए कोई विधायी आधार नहीं है।