चंडीगढ़ में अवैध बनाया गया मस्जिद का आधा हिस्सा तोड़ा।
चंडीगढ़ में बुधवार को चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा मस्जिद को तोड़ने की ड्राइव चलाई गई। यहीं नहीं, इसके बाद मंदिर को तोड़ने की तैयारी है, जिसे लेकर काफी मात्रा में लोग इकट्ठा होकर प्रशासन की इस कार्रवाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और इस ड्राइव को रोक
.
लोगों में रोष देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल की भी तैनाती कर दी गई है।
पहले तोड़ी मस्जिद
मनीमाजरा मस्जिद कमेटी के प्रेजिडेंट मोहम्मद इरफान ने बताया कि वह कई सालों से मस्जिद बनाई हुई है। उनके पास चंडीगढ़ नगर निगम का नोटिस आया था, जिसके बाद वह सभी लोग इकट्ठा होकर अफसरों से मिलने के लिए गए थे और कहा था कि वह मस्जिद के 2 कमरों में 12 साल से कम उम्र के बच्चों को पढ़ाते हैं और उनके पास 50 बच्चे मुस्लिम पढ़ने आते हैं।
चंडीगढ़ में मस्जिद को तोड़ते हुए।
उन्होंने तो अफसरों को यह भी कहा था कि जितने पैसे इस जमीन के बनते हैं, उसकी कीमत बता दीजिए, वह दे देंगे, लेकिन अफसरों ने एक भी नहीं सुनी और आज बुलडोजर लाकर उनकी मस्जिद का आधा हिस्सा तोड़ दिया। उन्होंने इसका काफी विरोध भी किया लेकिन उनकी किसी ने भी नहीं सुनी।

सेक्टर 46 में मदिर को तोडऩे का विरोध करते पार्षद व स्थानीय लोग।
मंदिर को तोड़ने की तैयारी
मनीमाजरा मस्जिद को तोड़ने के बाद प्रशासन की टीम अब चंडीगढ़ सेक्टर-46 मंदिर को तोड़ने की तैयारी में है। टीम मनीमाजरा से निकल चुकी है और अब मंदिर को तोड़ेगी, लेकिन मंदिर के बाहर काफी मात्रा में लोग इकट्ठा हो रखे हैं और पार्षद गुरप्रीत सिंह गापी भी मौके पर पहुंचे हुए हैं। इस दौरान महिलाएं भजन-कीर्तन भी कर रही हैं। वहीं पार्षद गुरप्रीत गापी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि साल 2009 के बाद बने सभी अवैध तरीके से बने धार्मिक स्थलों को गिरा दिया जाए। उसके बाद ही यह कार्रवाई हो रही है, लेकिन यह मंदिर तो काफी पुराना है और साल 1992 में बना था। यहाँ पर सिर्फ फाइबर लगी हुई है। वह प्रशासन की इस कार्रवाई का विरोध करते हैं और कहा कि कुछ लोग राजनीतिक रोटियां सेकने के लिए यह सब करवाते हैं और पर्दे के पीछे खड़े होकर पूरी पिक्चर देखते रहते हैं।