पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी की बर्खास्तगी के आदेश को खारिज करते हुए महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है। अधिकारी ने मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत दूसरी शादी की थी, जिसके कारण उसे सेवा से बर्खास्त किया गया था। कोर्ट ने स्पष्ट किया क
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अदालत ने कहा कि वायुसेना अधिकारी ने देश की सेवा में अपनी बेदाग पहचान बनाई है। यदि उसे बर्खास्त किया गया, तो यह उसके आजीविका के अधिकार का उल्लंघन होगा। हाईकोर्ट ने अधिकारी को सेवा में बहाल करने का आदेश भी दिया।
उक्त अधिकारी, कलीमुल गाजी, जो पश्चिम बंगाल के निवासी हैं, ने याचिका दाखिल कर बताया कि उसने 2012 में अपनी पहली शादी के दौरान दूसरी मुस्लिम महिला से निकाह किया था। वायुसेना के नियमों के अनुसार, उसने सक्षम प्राधिकारी से अनुमति नहीं ली थी, जिसके कारण उसके खिलाफ कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की गई थी। अधिकारी ने 23 जून, 2014 को इस मामले में अपना जवाब भी दाखिल किया था। कोर्ट ने मुस्लिम कानून में दो विवाहों को वैध ठहराते हुए इस मामले में अधिकारी के पक्ष में निर्णय दिया।