चंडीगढ़ प्रशासन ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए नई आबकारी नीति तैयार कर ली है, जिसे प्रशासक की मंजूरी के बाद इसी सप्ताह अधिसूचित किया जाएगा। मुख्य सचिव अजय वर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में कुछ महत्वपूर्ण सुझावों को नीति में शामिल किया गया है। इसके
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वर्ष 2025-26 के लिए नई आबकारी नीति तैयार।
राजस्व लक्ष्य 1000 करोड़
नई आबकारी नीति के तहत प्रशासन ने 1000 करोड़ का राजस्व एकत्र करने का लक्ष्य रखा है। पिछली नीति में यह लक्ष्य 900 करोड़ था, लेकिन बीते तीन वर्षों से हर साल 200 करोड़ का घाटा हो रहा था। इसके लिए पंजाब की आबकारी नीति को जिम्मेदार बताया जा रहा है, क्योंकि वहां शराब पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी और वैट चंडीगढ़ की तुलना में कम है।
सरकारी जमीनों पर नहीं खुलेंगे शराब के ठेके
नई नीति में यह भी स्पष्ट किया गया है कि सरकारी जमीन और मकानों में शराब के ठेके खोलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पिछली नीति के तहत, जो शराब ठेके नीलामी में नहीं बिके, उन्हें सिटको को चलाने के लिए दिया जाना था, लेकिन सिटको ने इससे इनकार कर दिया। सिटको ने शर्त रखी थी कि ठेकों की लाइसेंस फीस आधी की जाए और उन्हें स्थायी तौर पर संचालन का अधिकार दिया जाए, लेकिन केंद्र सरकार के नियमों के अनुसार यह संभव नहीं था।

चंडीगढ़ लिकर एसोसिएशन के प्रेजीडेंट दर्शन सिंह।
ये दिए गए थे सुझाव
चंडीगढ़ लिकर एसोसिएशन के प्रेजीडेंट दर्शन सिंह ने बताया कि उन्होंने प्रशासन को कुछ सुझाव दिए थे, जिनमें एक्साइज और वैट 1% किए जाने, कोटा ओपन करने सहित कई अन्य सुझाव शामिल थे। दर्शन सिंह ने कहा कि ये सभी सुझाव उन्होंने चंडीगढ़ के सभी शराब ठेकेदारों से चर्चा करने के बाद दिए हैं।