Sunday, May 4, 2025
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चंबल प्रदेश की मांग को लेकर भिंड में हुई महापंचायत: तीन राज्यों से जनप्रतिनिधि पहुंचे; पूर्व विधायक तोमर बोले- चंबल घाटी सदियों से शोषित रही – Bhind News


चंबल प्रदेश के गठन की मांग को लेकर रविवार को भिंड के फूप नगर में एक महापंचायत का आयोजन किया गया। भदाकुर तिराहे पर आयोजित इस महापंचायत में मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के अलग-अलग जिलों से लोग शामिल हुए। इस दौरान पूर्व विधायक रविंद्र सिंह तोमर ‘

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पूर्व विधायक तोमर ने कहा कि चंबल घाटी सदियों से शोषित और पीड़ित रही है। सरकारों ने इस क्षेत्र के विकास को लेकर कभी गंभीरता नहीं दिखाई।

उन्होंने सुझाव दिया कि मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और राजस्थान के कुल 21 जिलों को मिलाकर नया राज्य ‘चंबल प्रदेश’ बनाया जाए। इससे लगभग 6 करोड़ की आबादी को सीधा लाभ मिलेगा और क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी।

एसडीएम को राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया।

राज्यपाल को भेजा ज्ञापन

महापंचायत के दौरान किसान नौजवान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविंद्र सिंह तोमर की ओर से राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन भी तैयार किया गया, जिसमें दो प्रमुख मांगें शामिल रहीं गई।

1. चंबल प्रदेश का गठन किया जाए- ज्ञापन में कहा गया कि चंबल क्षेत्र की भौगोलिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान अलग है, लेकिन इसे प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार होना पड़ा है। अगर पृथक राज्य का गठन होता है, तो विकास की योजनाएं स्थानीय जरूरतों के अनुसार लागू की जा सकेंगी।

2. रेत खनन बहाल किया जाए- ज्ञापन में यह भी कहा गया कि चंबल नदी क्षेत्र में रेत का अपार भंडार है, लेकिन खनन पर रोक से हजारों मजदूर बेरोजगार हो गए हैं। मांग की गई कि नियंत्रित और पारदर्शी प्रणाली के तहत खनन दोबारा शुरू किया जाए ताकि क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा हों।

तीन राज्यों के संगठनों ने जताया समर्थन

महापंचायत में तीनों राज्यों के सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं ने चंबल प्रदेश गठन की मांग का समर्थन किया। वक्ताओं ने कहा कि यह आंदोलन अब लोगों की आवाज बन चुका है और सरकार को इसे गंभीरता से लेना होगा।

फूप नगर के भदाकुर तिराहे पर हुई पंचायत।

फूप नगर के भदाकुर तिराहे पर हुई पंचायत।

चरणबद्ध आंदोलन की रणनीति बनी

महापंचायत के अंत में आंदोलन को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाने की रणनीति बनाई गई। तय किया गया कि अब जिलास्तरीय महापंचायतों के माध्यम से जनजागरण अभियान चलाया जाएगा, ताकि चंबल प्रदेश गठन की आवाज और बुलंद हो सके।



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