टीम ने रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा।
सतना जिले के चित्रकूट क्षेत्र के लालपुर गांव में बीते चार महीने से लोगों के लिए सिरदर्द बना एक नर नीलगाय को बुधवार को पकड़कर जंगल में छोड़ा गया। यह नीलगाय हिंसक हो चुका था और अब तक एक बकरी, एक भैंस और चार लोगों को घायल कर चुका था। ग्रामीण लंबे समय से
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दो बार ट्रैंक्युलाइज करने की कोशिश की गई बुधवार को ग्रामीणों ने फिर वन विभाग को सूचना दी। चित्रकूट एसडीओ अभिषेक तिवारी ने डीएफओ मयंक चांदीवाल को जानकारी दी, जिसके बाद मुकुंदपुर जू सेंटर से रेस्क्यू टीम बुलाई गई। टीम का नेतृत्व डॉ. नितीन गुप्ता ने किया।
नीलगाय को ट्रैंक्युलाइज करने के दो प्रयास किए गए, लेकिन हर बार वह भागने में कामयाब हो गया। इसके बाद बाइक से पीछा कर टीम ने सुबह 11 बजे उसे ट्रैंक्युलाइज कर दिया।
कोटरिया के जंगल में छोड़ा गया नीलगाय को बेहोश करने के बाद उसे वाहन में लादकर लालपुर से करीब 30 किलोमीटर दूर बगदरा घाटी के पास कोटरिया के घने जंगल में छोड़ा गया। वन विभाग का कहना है कि यह स्थान उसके लिए सुरक्षित है और आबादी से काफी दूर है।
नीलगाय के रेस्क्यू की खबर मिलते ही गांव के लोगों ने राहत की सांस ली। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले चार महीने से वे डरे हुए थे और खेतों में जाना भी मुश्किल हो गया था।