सिंगरौली जिले में अवैध रेत खनन के एक मामले में चितरंगी पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। सोनघड़ियाल अभ्यारण्य वृत्त बीछी के अधिकारियों ने पिछले साल 10 दिसंबर को खैरा घाट से एक स्वराज ट्रैक्टर को रेत से भरी ट्रॉली के साथ पकड़ा था।
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चितरंगी थाने में रखवाया गया था ट्रैक्टर
वन विभाग ने ट्रैक्टर को सुरक्षा के लिए चितरंगी थाने में रखवाया था। विभाग ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और भारतीय वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया। जब्त ट्रैक्टर खैरा गांव के राजू जायसवाल का है।
सुपुर्दनामे में 2.5 घन मीटर रेत, ट्रॉली, इंजन और एक चाबी का छल्ला शामिल था। थाना प्रभारी, वन रक्षक और लक्ष्मण पनिका समेत अन्य लोगों के हस्ताक्षर इस दस्तावेज पर मौजूद हैं।
वन विभाग की अनुमति के बिना ट्रैक्टर रिलीज
जब्त वाहन के खिलाफ राजसात की कार्रवाई चल रही थी। इसके बावजूद चितरंगी पुलिस ने वन विभाग की अनुमति के बिना ट्रैक्टर को रिलीज कर दिया। वन परिक्षेत्राधिकारी ने इस संबंध में थाना प्रभारी को दो बार पत्र लिखा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।
सोनघड़ियाल अभ्यारण्य ने इस मामले की जानकारी देवसर के प्रथम श्रेणी न्यायालय को भी दी थी।
टीआई बोले- न्यायालय से छोड़ गया है ट्रैक्टर
थाना चितरंगी के निरीक्षक सुधेश तिवारी ने बताया कि हमारे कार्यकाल के दौरान की कार्रवाई नही है। चितरंगी थाने में 10 दिसंबर को दोपहर 1 बजे रेत से भरे ट्रैक्टर को पकड़कर अपराध क्रमांक 481/24 में दर्ज हुआ है। चितरंगी थाने में अपराध दर्ज हुआ है। पंचनामा में सोनघड़ियाल के चौकीदार के भी हस्ताक्षर हैं। न्यायालय से ट्रैक्टर छोड़ा गया है।