चित्रकूट विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार की फाइल फोटो।
सतना में चित्रकूट विधायक सुरेंद्र सिंह गहरवार ने शनिवार को सर्किट हाउस में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस के लगाए गए विधायक निधि घोटाले के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं द्वारा लगाया गया 1.70 करोड़ रुपए के गबन का आरोप बेबुनियाद ह
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विधायक गहरवार ने कहा कि इससे आदिवासी समुदाय में डर का माहौल है। डकैतों के लिए बनाया गया एडी एक्ट तो खत्म हो गया, लेकिन अभयारण्य बनने से वन विभाग का कानून लागू होगा, जिससे आदिवासी परेशान होंगे।
वन विभाग की रिपोर्ट को बताया झूठा उन्होंने वन विभाग की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा कि रिपोर्ट में प्रस्तावित अभयारण्य क्षेत्र के अंदर और बाहर सिर्फ 7-7 गांव होने की बात कही गई है, जबकि हकीकत में ये संख्या 200 से ज्यादा है। उन्होंने दावा किया कि चित्रकूट की 30 प्रतिशत आबादी आदिवासी है और ये गांव जंगलों से घिरे हुए हैं।
‘बाघों को दायरे में नहीं रखा जा सकता’ विधायक ने कहा कि बाघों को किसी सीमित दायरे में नहीं बांधा जा सकता। अगर ग्रामीण भ्रमित हो रहे हैं तो सरकारी एजेंसियों को गांव-गांव जाकर काउंसलिंग करनी चाहिए।
सरभंगा में बाघ, पैंथर समेत कई अन्य वन्य प्राणियों की मौजूदगी सामने आती रहती है।
“मेरा परिवार विधायक निधि के भरोसे नहीं” दरअसल 5 जून को भोपाल में कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता मुकेश नायक और रितेश त्रिपाठी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गहरवार पर क्षेत्र में कराए जा रहे 18 कार्यों में विधायक निधि का दुरुपयोग करने और 1.70 करोड़ का गबन करने का आरोप लगाया था।
गहरवार ने पलटवार करते हुए कहा, जिन 18 कामों की बात हो रही है, उनके लिए अभी कार्य योजना तक नहीं बनी है। ऐसे में फर्जी भुगतान का सवाल ही नहीं उठता। अगर मैं दोषी हूं तो कांग्रेस नेता जांच कराएं, दोष सिद्ध हो तो मेरे खिलाफ अपराध दर्ज करवा दें। उन्होंने कहा, “मेरा परिवार विधायक निधि के भरोसे नहीं है।”
सरभंगा अभयारण्य प्रस्ताव लंबित सरभंगा क्षेत्र को वन्य जीव अभयारण्य घोषित करने का प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित है। ये क्षेत्र चित्रकूट-सतना के घने जंगलों में फैला है, जहां बाघों सहित अन्य वन्य प्राणियों की मौजूदगी दर्ज की गई है। इस प्रस्ताव के तहत 150 वर्ग किमी से ज्यादा क्षेत्र को संरक्षित घोषित किया जाना है। प्रस्तावित क्षेत्र में 7 गांव अंदर और 7 गांव बाहर बताए गए हैं, जबकि स्थानीय जनप्रतिनिधि इसे 200 गांवों से ज्यादा बता रहे हैं। ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों द्वारा इसका विरोध भी किया जा रहा है।
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सतना के मझगवां का कुल वन क्षेत्रफल 13,925.979 हेक्टेयर है।
मध्यप्रदेश सरकार ने सतना के मझगवां में सरभंगा टाइगर रिजर्व एवं वाइल्डलाइफ सेंचुरी बनवाने की मांग वाले प्रस्ताव को 9 साल बाद खारिज कर दिया है। सरकार ने कहा है कि इससे स्थानीय लोगों के रोजगार छिन जाएंगे। इसके बाद…पढ़ें पूरी खबर