प्रयागराज के सरोजिनी नायडू चिल्ड्रन हॉस्पिटल तमाम अव्यवस्थाओं से घिरा है। मरीजों व तीमारदारों के यहां मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। तभी तो यहां तीमारदार फर्श पर लेटते हैं।
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ना तो वार्डों में एसी चलती है और नहीं पेयजल के लिए पर्याप्त संशाधन। तीमारदारों का कहना है, कि बच्चों के इलाज के लिए डॉक्टर भी समय से उपलब्ध नहीं रहते हैं।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भले ही स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल को लेकर कड़ी टिप्पणी की हो लेकिन यदि चिल्ड्रन हास्पिटल की व्यवस्थाओं को देखा जाए तो यहां भी वही स्थिति रहती है। एक-एक बेड पर 2 से तीन बीमार बच्चों को भर्ती कर उनका इलाज किया जा रहा है।
वार्ड में AC लगा तो दिख रहा है लेकिन इस सिर्फ डिब्बा ही बचा है।
गर्मी से बचने के लिए घर से पंखा लाते हैं तीमारदार
इस अस्पताल में गर्मी में भर्ती बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। यहां कई वार्ड ऐसे हैं जहां AC तो लगे हैं लेकिन वह महज शोपीस हैं।
कुछ जगहों पर वार्डों में कूलर तो लगे हैं लेकिन उसमें पानी ही नहीं है और उसमें से गर्म हवा निकल रही है। डीएम जब बुधवार को इस अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे तो उन्होंने भी इस पर नाराजगी जताई थी और 15 जून के अंदर सभी एसी ठीक कराने व जरूरत के हिसाब से नई एसी लगाने के निर्देश दिए हैं।
तीमारदार बोले, रो रहा बच्चा नहीं आए डॉक्टर
करेंहदा के रहने वाले श्याम सुंदर कहते हैं कि तीन घंटे से यहां बच्चे को लेकर भर्ती हैं। लेकिन अभी तक कोई डॉक्टर देखने तक नहीं आया। कई बार डॉक्टर से आग्रह भी किया।
वहीं, राजेंद्र कुमार कहते हैं, यहां बच्चे को लेकर भर्ती हैं लेकिन हम लोगों के बैठने तक की व्यवस्था नहीं है। जमीन पर चादर या चटाई बिछाकर बैठते हैं और रात में यहीं पर जमीन पर ही सोते हैं।
DM ने सुधार करने का दिया मौका
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉक्टर वत्सला मिश्रा व अस्पताल की अधीक्षक डॉक्टर अनुभव श्रीवास्तव को उन्होंने 15 जून तक का समय दिया की अस्पताल में जो भी कमियां हैं इसको इस अवधि में ठीक कर के इसकी सूचना दें।
जिलाधिकारी ने पूछा की भर्ती बच्चों को खाने-पीने के लिए क्या व्यवस्थाएं हैं? क्या गाइडलाइन है? इस पर अधीक्षक जवाब नहीं दे सके।
उन्होंने कहा की पूरी गाइडलाइन के बारे में पता करिए और यहां भर्ती बच्चों को किस तरह की खाने पीने की चीज दी जानी है यह तय किया किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने पेयजल की समस्या पर भी नाराजगी जताई 15 जून के अंदर पांच वाटर कूलर लगाने के लिए उन्होंने निर्देश दिया।