प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के लिए फाइनल वोटरलिस्ट शनिवार 18 जनवरी को जारी होगी। इस बार करीब 44 लाख वोटर महापौर, अध्यक्ष व पार्षद चुनेंगे। ईवीएम से कराने की तैयारी चल रही है। एक ही ईवीएम पर मतदाता महापौर या अध्यक्ष या पार्षद का चुनाव कर सकेंगे। इसमे
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राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारी है कि निकाय चुनाव में करीब 25 – 30 हजार कर्मचारी बूथों पर मतदान कराएंगे। इनके अलावा सुरक्षा बल भी तैनात होंगे। हर जिले में करीब 500-500 अधिकारी कर्मचारी अलग से चुनाव की मॉनिटरिंग करेंगे।
सरकार के सभी विभागों के स्टाफ को चुनाव में झोंका जाएगा। केवल अत्यावश्यक सेवाओं जैसे स्वास्थ्य, वेटेरनरी आदि के स्टाफ को पृथक रखा जाएगा। इन विभागों के स्टाफ को रिजर्व में रखेंगे। इनकी जरूरत पड़ने पर ही चुनावी ड्यूटी में लगाएंगे। इसी तरह त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव बैलेट से होंगे।
प्रदेश में बूथों की संख्या 30 हजार है। हर बूथ में 5 कर्मचारी के हिसाब से सवा से डेढ़ लाख कर्मचारी केवल बूथों पर लगेंगे। मानिटरिंग करने वाले अधिकारी-कर्मचारी अलग से लगेंगे। पंचायत चुनाव गैर दलीय आधार पर होंगे। इसलिए मतपत्र में उम्मीदवार का नाम और प्रतीक चिन्ह ही होगा। निकाय – पंचायत चुनाव अलग – अलग होते रहे हैं।
इन्हें कराने में लगभग 75 दिन यानी ढाई महीने लगते थे। अब पंचायत मंत्री व उप मुख्यमंत्री अरूण साव का दावा है कि चुनावी प्रक्रिया 35 दिन में पूरी कर ली जाएगी। बता दें कि 2026 में 19 निकायों में चुनाव होंगे। प्रदेश में वर्तमान में धान खरीदी चल रही है। 10 जून तक 117 लाख टन खरीदी हो चुकी थी।
इस वर्ष 160 लाख टन खरीदी का टारगेट है। 22 लाख किसानों को 25,549 करोड़ रुपए का भुगतान हो चुका है। यदि आचार संहिता लगती है तो पंजीकृत किसानों को ही मिलेगा बोनस।