चुनावों के दौरान सोशल मीडिया के उपयोग पर भारत निर्वाचन आयोग ने विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने बताया कि सोशल मीडिया पर प्रत्याशियों द्वारा की गई पोस्टों के लिए सख्त नियम लागू किए गए हैं। उन्होंने सभी मीडिया माध्यमों से अपील की कि किसी भी चुनाव संबंधी जानकारी को सार्वजनिक करने से पहले तथ्यों की पूरी जांच अवश्य करें।
सोशल मीडिया के लिए जारी मुख्य दिशा-निर्देश:
1. सोशल मीडिया को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की श्रेणी में रखा गया है, इस प्रकार सभी राजनीतिक विज्ञापन प्री-सर्टिफिकेशन के दायरे में आते हैं।2. नामांकन के समय प्रपत्र-26 में सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी देना अनिवार्य है। प्रत्याशियों को अपने सत्यापित सोशल मीडिया अकाउंट्स की जानकारी देनी
3. प्रचार खर्च में सोशल मीडिया का खर्च शामिल होगा – सोशल मीडिया पर किए गए राजनीतिक विज्ञापन, प्रचार-सामग्री और सोशल मीडिया टीम के खर्च को प्रत्याशी के चुनावी खर्च में शामिल किया जाएगा।4. प्रत्याशी और राजनीतिक दलों को सोशल मीडिया पर विज्ञापन जारी करने से पहले प्री-सर्टिफिकेशन प्राप्त करना होगा – इंटरनेट आधारित मीडिया प्लेटफार्मों पर विज्ञापन डालने से पहले इसका प्रमाणन अनिवार्य है।5. आदर्श आचार संहिता सोशल मीडिया पर भी लागू होगी – सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए सभी सामग्री आचार संहिता और निर्वाचन आयोग के अन्य नियमों के दायरे में आएंगे।6. ई-पेपर पर प्रकाशित राजनीतिक विज्ञापन भी प्रमाणन के दायरे में – डिजिटल अखबारों (ई-पेपर) पर प्रकाशित सभी राजनीतिक विज्ञापन भी प्री-सर्टिफिकेशन के अधीन होंगे।7. ब्लॉग्स, सेल्फ अकाउंट वेबसाइट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स – ब्लॉग, व्यक्तिगत वेबसाइट या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किए गए पोस्ट, संदेश, फोटो या वीडियो राजनीतिक विज्ञापन की श्रेणी में नहीं माने जाएंगे।