जनपद अध्यक्ष के चुनाव को लेकर कांग्रेस में घमासान शुरू हो गया है। आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल पड़ा है। कांग्रेस नेताओं ने ही आरोप लगाया है कि शहर अध्यक्ष व जिलाध्यक्ष की वजह से जनपद अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा की उम्मीदवार निर्विरोध चुनाव जीत गई।
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उन्होंने पार्टी के शहर अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष तथा जिम्मेदारों को इसके लिए दोषी ठहराते हुए सीएम से साठगांठ तक के आरोप लगाए हैं। यह मामला संगठन स्तर पर पहुंचेगा। केंद्रीय नेतृत्व को भी शिकायत की जाएगी। उज्जैन जनपद अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा की भंवरबाई चौधरी निर्विरोध अध्यक्ष चुनी गई हैं, जिसे लेकर कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ताओं में आक्रोश हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पहले भी महिदपुर जनपद के चुनाव में यही देखने को मिला था। खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ रहा है और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में आक्रोश पनप रहा है। जिसे लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी व प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह तक शिकायत की जाएगी।
साख पर लगाया बट्टा
कांग्रेस के पूर्व शहर अध्यक्ष महेश सोनी, प्रदेश कांग्रेस सचिव हेमंतसिंह चौहान, पूर्व पार्षद कैलाश बिसेन, जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष करण कुमारिया एवं अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष राकेश गिरजे ने संयुक्त रूप से आरोप लगाया है कि कांग्रेस पार्टी के जिम्मेदारों ने ही भाजपा से साठगांठ कर पार्टी की छवि और साख को बट्टा लगाया है।
नोटिस देकर आगे की कार्रवाई करेंगे -पटेल
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष कमल पटेल ने कहा कांग्रेस के 12 सदस्य भाजपा के समर्थन में चले गए। जिन्हें नोटिस देकर आगे की कार्रवाई की जाएगी। मुझ पर लगाए जा रहे आरोप झूठे हैं। पटेल ने कहा कि इन सदस्यों को पार्टी से निष्कासन के नोटिस जारी करेंगे। इधर, कांग्रेस नेता हेमंतसिंह चाैहान ने सोशल मीडिया के माध्यम से बताया कि उज्जैन जनपद के चुनाव में कांग्रेस का कोई एक जवाबदार बड़ा नेता व पदाधिकारी चुनाव में भाजपा के सामने क्यों नहीं आया?