Friday, May 30, 2025
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चूड़ियां पहनते समय कहीं आप तो नहीं कर रही हैं ये गलतियां, धीरे धीरे पति के धन का होता है नाश


महिलाओं के 16 श्रृंगार में से एक श्रृंगार चूड़ी पहना भी है. चूड़ियां पहनने से ना सिर्फ हाथों की सुंदरता बढ़ती है बल्कि इसकी खनक से कई लाभ मिलते हैं. भारतीय संस्कृति में चूड़ियां न केवल सौंदर्य की प्रतीक हैं, बल्कि ये स्त्रीत्व, ऊर्जा, सौभाग्य और देवी-तत्त्व का प्रतिनिधित्व भी करती हैं. धार्मिक मान्यातओं के अनुसार, जब कोई सुहागिन महिला चूड़ी पहनती है, तो वह अपने भीतर की दिव्य स्त्री-शक्ति को जाग्रत करती है और इन चूड़ियों की खनक से घर की नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. आइए जानते हैं सुहागिन महिलाओं को हाथों में कितनी चूड़ियां पहननी चाहिए…

चूड़ियां पहनने के फायदे
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चूड़ियों की खनक को मंत्रध्वनि के समान माना गया है. यह ध्वनि घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलाती है और नकारात्मक शक्तियों को दूर करती है. इसे देवी के अलंकारिक रूप से जोड़ा जाता है, जैसे मां दुर्गा या मां लक्ष्मी के चित्रों में उनके हाथों में चूड़ियां स्पष्ट दिखाई देती हैं. चूड़ियां सिर्फ श्रृंगार नहीं हैं, वे एक रक्षा-कवच की तरह भी काम करती हैं. विशेषकर लाल, हरे या पीले रंग की चूड़ियां को शक्ति, उर्वरता और सुरक्षा से जोड़ा जाता है. कई धार्मिक अनुष्ठानों में चूड़ियां देवी को अर्पित की जाती हैं, जैसे नवरात्रि में कन्या पूजन के दौरान कन्याओं को चूड़ियां पहनाना, जो मां दुर्गा को प्रसन्न करने का खास उपाय माना जाता है.

चूड़ियां ना पहनने से नुकसान
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब कोई सुहागिन महिलाा हाथों में चूड़ियां नहीं पहनती हैं तो इससे कई नुकसान होते हैं. लोक मान्यताओं के अनुसार, चूड़ियां ना पहनने से धीर धीरे पति के धन का नाश होता है और परिवार की सदस्यों की सेहत पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. चूड़ियां न पहनना, विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए सौभाग्य में कमी का सूचक माना जाता है. इसे विधवा जैसे संकेत के रूप में देखा जाता है, इसलिए कुछ घरों में इसे वर्जित भी माना जाता है. कई संस्कृतियों में यह माना जाता है कि चूड़ियाँ महिलाओं की सुरक्षा कवच हैं. जब स्त्री उन्हें नहीं पहनती, तो वह बुरी नजर या नकारात्मक ऊर्जा का शिकार हो सकती है.

कितनी चूड़ियां पहननी चाहिए
सुहागिन महिलाओं को दोनों हाथों में कम से कम 11 या फिर 21 की संख्या में चूड़ियां पहननी चाहिए. दोनों हाथों में 11-11 या फिर 21-21. साथ ही हर हाथ में कम से कम दो सोने व चांदी की चूड़ियां पहननी चाहिए. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से वैवाहिक जीवन मजबूत रहता है और कुंडली में बुध व चंद्र ग्रह की स्थिति भी मजबूत रहती है.

क्यों नहीं पहननी चाहिए विषम संख्या की चूड़ियां?
सुहागन महिलाओं को विषम संख्या जैसे 1, 3, 5 या 7 की संख्या में चुड़ियां नहीं पहननी चाहिए, यह परंपरागत रूप से अशुभ माना जाता है. इनका संबंध एकांत, अधूरापन या टूटे संबंध से जोड़ा जाता है. इसलिए सुहागन महिलाएं हमेशा पूर्णता और सौभाग्य दर्शाने के लिए 21 चूड़ियां पहननी चाहिए. सुहागिन महिलाओं की चूड़ियों की खनक एक सकारात्मक ऊर्जा बनाती है, जो सभी तरह की नकारात्मक शक्तियों को दूर करती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है.



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