पन्ना जिले में देवी मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है।
हिंदू नव वर्ष विक्रम संवत्सर 2082 और चैत्र नवरात्रि आज रविवार से शुरू हो गए हैं। नवरात्रि के पहले दिन देवी दुर्गा के माता शैलपुत्री रूप की पूजा की जा रही है। लोगों ने सूर्य को अर्ध्य दे शंख और घंटी बजाकर नए साल के पहले का स्वागत किया। इसके बाद अपने-अ
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पन्ना जिले में देवी मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखी जा रही है। सबसे अधिक भीड़ माँ पद्मावती शक्ति पीठ में जमा हुई है। यहां महिलाएं, बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी पूजा-अर्चना और जल चढ़ाने पहुंच रहे हैं।
पद्मावती शक्ति पीठ, जिसे बड़ी देविन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, में नवरात्रि के नौ दिनों तक पन्ना और आसपास के जिलों से भक्त दर्शन के लिए आते हैं। यह मंदिर प्राचीन गौंड़ साम्राज्य से जुड़ा है। मान्यता है कि यहां माता सती के पैर का अंग गिरा था।
मंदिर का निर्माण गौंड़ राजा पद्मावत ने करवाया था, जो माता आदिशक्ति सती के महान भक्त थे। उन्होंने अपनी आराध्य देवी मां दुर्गा को यहां स्थापित किया था। इसी मंदिर के नाम से पन्ना का प्राचीन नाम पद्मावतीपुरी पड़ा, जो बाद में पुराना पन्ना और अब पन्ना के नाम से जाना जाता है।
भविष्य पुराण और विष्णु पुराण में भी पद्मावती देवी मंदिर का उल्लेख मिलता है। मंदिर की वास्तुकला में ऐतिहासिक शैलियों का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलता है। यह स्थान गौड़ राजाओं का प्रमुख आराध्यस्थल रहा है।