पुलिस ने प्रेस कांफ्रेंस में सोना गलाने वाले युवक की गिरफ्तारी की जानकारी दी।
डकैत और चोरी का गोल्ड खरीदने वालों को छत्तीसगढ़ पुलिस ने अलीराजपुर से गिरफ्तार किया है। उसकी निशानदेही पर इंदौर से सोना गलाने वाले की मध्यस्थता करने वाले कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। जबकि सोना गलाने वाला व्यापारी कपिल जैन और उसका साथी आशीष पटलिया फरा
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दरअसल, दुर्ग में 60 लाख से अधिक की डकैती हुई थी। दिलीप टिंबर नाम के पीड़ित के यहां से 35 तोला सोना चुरा लिया था। परिवार को बंधक बनाकर यह डकैती डाली थी। छग पुलिस को सूचना मिली थी कि डकैती के आरोपियों का इंदौर और अलीराजपुर से कनेक्शन है।
इसके चलते पुलिस की टीम ने इंदौर के अन्नपूर्णा थाना क्षेत्र की गुरुनानक कॉलोनी के नजदीक राजा बाग में डेरा डाला और यहां से धार, अमझेरा, अलीराजपुर और झाबुआ में जाकर आरोपियों की सर्चिंग की। पुलिस ने डकैतों के अलावा आरोपी राजेंद्र कटार को गिरफ्तार कर लिया। उसने बताया कि वह कपिल जैन के लिए काम करता है, वह उसे 500 रुपए रोज देता है। कपिल ने ही उसे सोना-चांदी गलाने की मशीनें दी हैं। इन्हीं मशीनों में उसने दुर्ग से डकैती कर लाया गया सोना गलाया था। एक अन्य आरोपी आशीष पटलिया भी पुलिस की कार्रवाई के पहले फरार हो गया।
राजेंद्र कटार 500 रुपए रोज पर कपिल जैन के लिए सोना-चांदी गलाता है। पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर लिया है।
एसआईटी का किया था गठन एसपी ने एसआईटी का गठन किया। जब मामले की जांच की तो उन्हें पता चला कि, दोनों वारदातों को एक ही गिरोह ने अंजाम दिया है। यह गिरोह मध्यप्रदेश के धार जिले से हैं। जिसके बाद एक टीम को धार, झाबुआ और अलीराजपुर जिले में कैंप कराया गया। डकैती करने वालों का एक गिरोह का सुराग मिला। इनका माल व्यापारी कपिल जैन खरीदता है।
दरअसल पुलिस को सूचना मिली थी कि कपिल जैन और आशीष पटलिया अन्नपूर्णा थाना क्षेत्र की गुरुनानक कॉलोनी स्थित राजा बाग में रहते हैं। पुलिस ने जब इनके घर पर छापा मारा तो कपिल जैन और आशीष पटलिया भाग गए। जबकि रमेश कटार पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
राजेंद्र के पास से सोने-चांदी के ज्वेलरी जब्त किए गए हैं।
गिरोह में ये आरोपी हैं शामिल
पुलिस को पता चला कि, इस पूरे गिरोह में दीपक सेंगर, अनिल चौहान, अनिल बघेल और गणपत डावर जैसे लोग शामिल हैं। दुर्ग में चोरी और डकैती से काफी सोने-चांदी के गहने मिले थे। इसे आशीष पटलिया ने कपिल जैन को बेचा था।
पुलिस ने जब कपिल और आशीष के बारे में जानकारी जुटाई, तो पता चला कि आशीष गुरू-नानक कॉलोनी राजाबाग इंदौर में छुपकर रह रहा है। एसपी ने क्राइम डीएसपी हेम प्रकाश नायक को एसीसीयू की टीम के साथ वहां भेजा। नायक और उनकी टीम आशीष के घर तक पहुंची।
आशीष भागा, राजेंद्र पकड़ाया
आरोपियों से पुलिस ने कहा कि, यहां एक मेला लगने वाला है। जिसमें वो भी आएंगे। इसलिए एक महीने के लिए किराए से मकान चाहिए। इससे पहले की पुलिस आशीष को पकड़ पाती वो भाग गया। लेकिन उसका साथी राजेंद्र कटार को पुलिस ने धर दबोचा।
दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला ने बताया
आशीष पटलिया की इंदौर के थानों और पुलिस वालों से अच्छी पकड़ है। दुर्ग पुलिस उसके बारे में थाने पूछताछ करने पहुंची थी। किसी ने टीम के लोगों की फोटो खींचकर आशीष को भेज दिया और बता दिया कि दुर्ग पुलिस उन लोगों को खोज रही है। इसलिए टीम के घर पहुंचते ही आशीष उन्हें पहचान गया और धोखा देकर भाग गया।
राजेंद्र ने बताया कि किस तरह चलता है सिंडिकेट
पूछताछ में राजेंद्र कटार ने पुलिस ने को बताया कि, आशीष पाटलिया कपिल जैन का एजेंट है। वो उसी के लिए काम करता है। भंगुडावर, जगदीश मोहनिया, भूरसिंह दीपक सेंगर, अनिल चौहान, अनिल बघेल, गणपत डावर और बाकी लोगों के साथ मिलकर चोरी और डकैती करते हैं।
इसके बाद सोने-चांदी के जेवरों को कपिल जैन तक पहुंचाया जाता है। कपिल के कहने पर गहनों को गलाकर उसकी सिल्ली बनाई जाती थी। आरोपी राजेंद्र की निशानदेही पर पुलिस ने आशीष पटलिया के छुपने वाले संभावित ठिकाने पर छापेमारी की। इस दौरान टीम धार के अमझेरा गांव भी पहुंची। लेकिन आरोपी वहां से भाग गया था।
50 लाख से अधिक का सोना चांदी जब्त
पुलिस ने एनएसपीसीएल और रसमड़ा डकैती में गए सोने और चांदी की लगभग पूरी रिकवरी कर ली है। पुलिस ने आरोपी राजेंद्र कटार के कब्जे से लगभग 50 लाख का सोना और चांदी के आभूषण और सिल्ली जब्त किया है। इसमें 600 ग्राम सोने के सिल्ली और 340 ग्राम चांदी शामिल है।