Monday, March 31, 2025
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छत्तीसगढ़ की पहली महिला अग्निवीर: घर के काम के साथ पढ़ाई की, पिता-भाई से ट्रेनिंग ली; मां बोली- लोग कान भरते थे, हमने अनसुना किया – Gariaband News


छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले की फामेश्वरी यादव ने प्रदेश की पहली महिला अग्निवीर बनकर इतिहास रचा है। फिंगेश्वर ब्लॉक के छोटे से गांव परसदा जोशी की रहने वाली फार्मेश्वरी (21) की मां को कभी पड़ोस के लोग ताने दिया करते थे, लेकिन आज जब वह अग्निवीर बनी तो हर

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परिवार वाले बताते है कि जब उनकी लड़की ने सेना में जाने की इच्छा जताई तो आसपास के लोग कान भरते थे, कहते थे दो बड़े बेटों के रहते घर की छोटी बेटी को नौकरी के लिए बाहर भेज रहे है। ऐसी नौकरी जिसमें औरतों का कम जाना होता है, ऐसा कहते थे। लेकिन हमने उन सब बातों को अनसुना किया और बेटी को देश सेवा के लिए छोड़ दिया।

फामेश्वरी Bsc सेकेंड ईयर की छात्रा है। घर में हाथ बटाने के साथ ही वह पढ़ाई भी करती थी और सेना में जाने की तैयारी भी करती थी। उसकी सफलता में परिवार का पूरा सहयोग रहा। पिता और भाई रोजाना 2 घंटे फिटनेस की ट्रेनिंग देते थे। गांव की सड़कों में सुबह 4 बजे वे लोग दौड़ लगाने निकल जाते थे और फिर वार्मअप करते थे।

अग्निवीर में चयन के बाद जब फामेश्वरी घर आई तो आरती उतारकर स्वागत किया गया

वर्दी देखकर कर उठा जुनून

फामेश्वरी के पिता हीरालाल मजदूर है, उनके दो बेटे भी है, बेटी सबसे छोटी है, राजीव लोचन कॉलेज में उसकी पढ़ाई चल रही है। कॉलेज में NCC ज्वाइन किया हुआ है। बुआ के बेटे और गांव में एक युवक अग्निवीर में भर्ती हुए है। वर्दी देखकर कर जुनून उठा और बेटी ने अग्निवीर बनने की ठान लिया। 5-6 माह की ट्रेनिंग के बाद उनका सिलेक्शन हो गया।

ट्रेनिंग के बाद मजदूरी पर जाते थे पिता

मजदूर पिता के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि उसे कोचिंग करा सके। वो अपनी बेटी को ट्रेनिंग देने के बाद मजदूरी पर निकल जाते थे। इस तरह से उनकी की मेहनत रंग लाई और 24 मार्च 2025 को अग्निवीर महिला सैन्य पुलिस (WMP) भर्ती का परिणाम घोषित होने पर फामेश्वरी का चयन हुआ।

फामेश्वरी को बधाई देने सभी लोग घर पहुंचे

फामेश्वरी को बधाई देने सभी लोग घर पहुंचे

बेटी की जिद में साथ थे – मां

मां खेमीन बाई ने बताया कि बेटी के लिए बहुत ताने सहने पड़े। जब उसने अग्निवीर में जाने की ठान लिया तो गांव-पड़ोस के लोग उलाहना दिया करते थे। लेकिन बेटी की जिद थी और इस जिद में हम सब उसके साथ थे। कहने वाले की परवाह किए बगैर हमने बेटी के सपनों के उड़ान को पंख लगा दिया। मां ने कहा कि उनकी और भी बेटियां होती तो उन्हें भी देश सेवा में भेज देती।

रायपुर के सेना भर्ती कार्यालय में फामेश्वरी का सम्मान हुआ

रायपुर के सेना भर्ती कार्यालय में फामेश्वरी का सम्मान हुआ

फामेश्वरी को मिला सम्मान

रायपुर के सेना भर्ती कार्यालय ने फामेश्वरी को पुरस्कार देकर सम्मानित किया। जिला कलेक्टर दीपक अग्रवाल और एसपी निखिल राखेचा ने भी उनकी इस उपलब्धि की सराहना की है। जिला प्रशासन जल्द ही इस बहादुर बेटी का विशेष सम्मान करेगा।

फामेश्वरी की ट्रेनिंग 1 मई, 2025 से बेंगलुरु के सेना मिलिट्री पुलिस सेंटर में शुरू होगी। उनकी इस सफलता से प्रेरणा लेकर राज्य की अन्य महिलाएं भी भारतीय सेना में शामिल होकर देश सेवा में अपना योगदान दे सकेंगी।



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