Sunday, June 8, 2025
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छत्तीसगढ़ में अटका मानसून…बस्तर में यलो अलर्ट: 6 दिनों से बारिश नहीं होने से बढ़ी गर्मी, रायपुर-बिलासपुर और दुर्ग संभाग में तापमान 41-44 डिग्री – Chhattisgarh News


छत्तीसगढ़ के बस्तर में मानसून अटक गया है, जिससे पिछले 6 दिनों से कई जिलों में बारिश नहीं हुई। लोगों का गर्मी से बुराहाल है।

छत्तीसगढ़ में मानसून की रफ्तार धीमी पड़ गई है, जिससे बीते 6 दिनों से कई जिलों में न बारिश हुई, न बादल छाए। गर्मी और उमस ने लोग बेहाल है। खासकर रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग संभाग में दिन का तापमान लगातार 41-44 डिग्री के बीच बना हुआ है।

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दरअसल, मानसून को आगे बढ़ाने वाले दोनों बड़े सिस्टम बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आने वाली हवाएं फिलहाल कमजोर पड़ गई हैं। इसका असर ये हुआ है कि मानसून नारायणपुर और कोंडागांव से आगे नहीं बढ़ पा रहा है।

मौसम विभाग के मुताबिक रायपुर जैसे शहरों में लोगों को मानसून की पहली बारिश के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। वहीं बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा में गरज-चमक के साथ तेज हवाओं (40-50 किमी प्रति घंटे) और बिजली गिरने की संभावना को लेकर यलो अलर्ट जारी किया है।

मध्य छत्तीसगढ़ में अगले 3 दिन पड़ेगी तेज गर्मी

मौसम विभाग के मुताबिक 8 से 10 जून तक मध्य छत्तीसगढ़ यानी रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर संभाग के जिलों में दिन का तापमान 42-44 डिग्री के बीच रहने की संभावना है। वहीं बारिश की स्थिति की बात करें तो शनिवार को बस्तर जिले के नानगुर में 20 मिली मीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है।

सप्ताहभर में थम गया मानसून

पिछले सात दिन में बारिश की रफ्तार लगातार फ्लेक्चुएट होती रही है। जहां बीते बुधवार यानी 28 मई को 74 इलाकों में बारिश हुई है। गुरुवार 29 मई को सिर्फ 27 इलाकों में बारिश हुई है। शुक्रवार को 25, शनिवार को 20, रविवार को 33 जगहों पर बारिश हुई।

सोमवार को सिर्फ तीन जगहों और मंगलवार को केवल 1 ही जगह पर न्यूनतम 10 मिमी बारिश हुई। वहीं इस 4 मई बुधवार और 5 मई गुरुवार को कहीं भी बारिश नहीं हुई। इस शुक्रवार यानी 6 मई को पांच जिलों में बारिश हुई।

22 मई से 28 मई के बीच 53.51 मिमी बारिश

छत्तीसगढ़ में 22 मई से 28 मई के बीच 53.51 मिलीमीटर औसत बारिश हो चुकी है। प्रदेश में मानसून में औसतन 1200 मिलीमीटर पानी बरसता है। पिछले साल 1276.3 MM पानी गिरा था।

छत्तीसगढ़ में मई में 360% ज्यादा बारिश

मई के 31 में से 24 दिन बंगाल की खाड़ी, अरब सागर और लगे हुए तटीय राज्यों में मजबूत सिस्टम बने। इन सिस्टम के कारण समुद्र से आने वाली नम हवा ने छत्तीसगढ़ में बारिश कराई। इस साल छत्तीसगढ़ में मई के महीने में 360 फीसदी अधिक बारिश हुई, लेकिन अब ये सिस्टम कमजोर पड़ गए हैं।

आमतौर पर मई के शुरुआती 20-25 दिन तेज गर्मी वाले होते हैं। इस दौरान दिन का तापमान अपने उच्चतम स्तर यानी 46-47 डिग्री तक पहुंच जाता है। छत्तीसगढ़ में दिन का औसत तापमान 38 डिग्री से ऊपर ही रहता है। दो-तीन दिन लू भी चलती है। इसके विपरीत इस साल पूरे महीने मौसम ठंडा रहा।

प्रदेश के बदलते तापमान को दो इंफोग्राफिक से समझिए

गरज-चमक, बिजली और ओले गिरने के दौरान इन बातों का रखें ध्यान

  • गड़गड़ाहट सुनने के बाद घर के अंदर जाए या सुरक्षित पक्के आश्रय में रहें ।
  • अगर कोई आश्रय उपलब्ध नहीं है तो तुरंत उखडू बैठ जाएं।
  • पेड़ों के नीचे न ठहरें।
  • बिजली लाइन से दूर रहें।
  • इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग न करें।

लंबा रह सकता है मानसून

मानसून के केरल पहुंचने की सामान्य तारीख 1 जून है। इस साल 8 दिन पहले यानी 24 मई को ही केरल पहुंच गया। मानसून के लौटने की सामान्य तारीख 15 अक्टूबर है। अगर इस साल अपने नियम समय पर ही लौटता है तो मानसून की अवधि 145 दिन रहेगी। इस बीच मानसून ब्रेक की स्थिति ना हो तो जल्दी आने का फायदा मिलता सकता है।



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