मधेपुरा के कलाभवन परिसर में शुक्रवार को एनएसयूआई ने छात्रावासों की बदहाली के खिलाफ एक दिवसीय धरना आयोजित दिया। धरने की अगुवाई एनएसयूआई के प्रदेश उपाध्यक्ष निशांत यादव ने की। उन्होंने बताया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आह्वान पर चलाए जा रहे संविधान
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इस कार्यक्रम में छात्रों, युवाओं एवं विभिन्न वर्गों के लोगों ने शिक्षा, रोजगार और भागीदारी जैसे गंभीर मुद्दों पर खुलकर संवाद किया। प्रदेश उपाध्यक्ष यादव ने कहा कि इस संवाद में कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों की बदहाली को लेकर सैकड़ों छात्रों ने शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार सरकार और उसके अधिकारी छात्रावासों को कैदखाना बना कर रखे हुए हैं, जहां छात्रों का दमन किया जाता है।
मूलभूत सुविधाओं का भी आभाव
छात्रावासों में बिजली, पानी और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। उन्होंने आरोप लगाया कि जिला कल्याण पदाधिकारी छात्रों की आवाज को दबाने का काम कर रहे हैं। छात्र प्रतिनिधियों को छात्रावास जाकर संवाद करने से रोका जाता है। निशांत ने कहा कि कोसी जैसे पिछड़े इलाके के गरीब, किसान, खेतिहर मजदूरों के बच्चे शिक्षा के लिए प्रतिमाह दो हजार रुपए किराये पर कमरा लेकर पढ़ने को मजबूर हैं।
मधेपुरा में चार छात्रावास संचालित है। इनमें जननायक कर्पूरी ठाकुर अतिपिछड़ा वर्ग छात्रावास, अन्य पिछड़ा वर्ग छात्रावास, आंबेडकर छात्रावास तथा अल्पसंख्यक छात्रावास शामिल है। लेकिन इसकी क्षमता बहुत कम छात्रों के रहने की है। उन्होंने सभी छात्रावासों की क्षमता बढ़ाने तथा आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने की मांग करते हुए कहा कि जब तक मांगे पूरी नहीं होतीं, तब तक चरणबद्ध आंदोलन जारी रहेगा।
एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने जननायक कर्पूरी ठाकुर अतिपिछड़ा वर्ग छात्रावास की स्थिति को सबसे बदतर बताया, जहां गंदगी और अव्यवस्था का आलम है। उन्होंने कहा कि छात्र मजबूरीवश ऐसी स्थिति में रहने को विवश हैं। धरना के बाद प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा और चेतावनी दी कि यह आंदोलन की शुरुआत भर है। जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं, आंदोलन जारी रहेगा।