आरा में आइसा महाराजा कॉलेज इकाई के प्रतिनिधि मंडल ने कॉलेज के प्राचार्य से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में सत्र 2023-2027 के अंतर्गत नामांकित SC/ST छात्रों और सभी छात्राओं से लिया गया नामांकन शुल्क वापस करने की मांग की गई है। छात्र नेताओं न
.
जिला सहसचिव रौशन कुशवाहा ने बताया कि महाविद्यालय में स्नातक सत्र 2022-2025 की बाह्य परीक्षा 7 अप्रैल से शुरू होने वाली है, वहीं UG का आंतरिक परीक्षा भी चल रहा है। ऐसे में कॉलेज परिसर में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर गर्मी के कारण किसी छात्र की तबीयत बिगड़ती है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी कॉलेज प्रशासन की होगी।
छात्र संगठन ने मूलभूत सुविधा की मांग।
बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव, क्लास रूम जर्जर
आइसा नेताओं ने कॉलेज की मूलभूत संरचना पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अधिकांश विभागों के पास अपना क्लास रूम तक नहीं है। जो कमरे उपलब्ध हैं, वे जर्जर अवस्था में हैं या पूरी तरह ढह चुके हैं। ऐसे में पठन-पाठन सुचारु रूप से कैसे चलेगा, यह बड़ा सवाल है। इसके अलावा, छात्रों से विभिन्न मदों में शुल्क वसूला जाता है लेकिन न तो लैब में केमिकल है, न ही पर्याप्त डेस्क-बेंच और ब्लैकबोर्ड की सुविधा।
आइसा ने यह भी बताया कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत कई नए विषय जोड़े गए हैं जैसे स्किल डेवलपमेंट, स्वच्छ भारत, कम्युनिकेशन इन एवरी डे लाइफ, डिजास्टर रिस्क मैनेजमेंट और कम्युनिकेशन इन प्रोफेशनल लाइफ, लेकिन इनके लिए न तो शिक्षक हैं और न ही कोई विभाग गठित किया गया है। साथ ही, पुस्तकालय में नई सिलेबस के अनुरूप एक भी किताब उपलब्ध नहीं है।
राजभवन के आदेश के बावजूद फीस वापसी नहीं
लड़कियों के लिए कॉलेज परिसर में छात्रावास पिछले छह वर्षों से तैयार है, लेकिन अब तक उसे छात्राओं को आवंटित नहीं किया गया है। प्रतिनिधियों का कहना है कि अगर यह छात्रावास आवंटित कर दिया जाए तो दूर-दराज से आने वाली लड़कियां नियमित रूप से कॉलेज में उपस्थित होकर अपनी पढ़ाई कर सकती हैं।
आइसा प्रतिनिधियों ने बताया कि सत्र 2023–2027 में SC/ST और लड़कियों से नामांकन शुल्क लिया गया था, जबकि राजभवन के निर्देश के अनुसार इनसे शुल्क नहीं लिया जाना था। इस निर्देश के पालन में छात्र कल्याण पदाधिकारी द्वारा 26 जून 2024 को सभी कॉलेज प्राचार्यों को पत्र जारी कर नामांकन शुल्क वापस करने का आदेश दिया गया था। लेकिन 9 महीने बीतने के बावजूद एक भी छात्रा या SC/ST छात्र को पैसा वापस नहीं किया गया है।
15 दिन की डेडलाइन, नहीं तो आंदोलन की चेतावनी
ज्ञापन में यह भी स्पष्ट किया गया है कि कॉलेज प्रशासन को इन सभी मांगों को पूरा करने के लिए 15 दिनों की समय सीमा दी गई है। अगर तय समय सीमा के अंदर मांगें नहीं मानी गईं तो आइसा छात्र संगठन चरणबद्ध आंदोलन शुरू करेगा।
प्रतिनिधिमंडल में जिला सहसचिव रौशन कुशवाहा, महाराजा कॉलेज सचिव राजेश कुमार, अध्यक्ष शुभम मौर्या, सहसचिव शिवप्रकाश, उपाध्यक्ष अंशु कुमार, नवीन तथा अन्य साथी उपस्थित थे।