Jagannath Rath Yatra : हर साल ओड़िशा के पुरी शहर में निकलने वाली भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा ना सिर्फ भारत बल्कि दुनिया भर के करोड़ों भक्तों के लिए एक बड़ा पर्व होती है. इस मौके पर लाखों लोग पुरी पहुंचकर भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथों को खींचने का सौभाग्य प्राप्त करते हैं. मान्यता है कि इस यात्रा में जो भी भाग लेता है, उसका जीवन शुभता से भर जाता है और भगवान की विशेष कृपा उस पर बनी रहती है.
1. घर में करें भगवान जगन्नाथ की पूजा
-रथ यात्रा के दिन सुबह स्नान करके साफ कपड़े पहनें और घर के पूजा स्थान में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की तस्वीर या मूर्ति रखें. ताजे फूल, फल, तुलसी के पत्ते और घी का दीपक अर्पित करें. भगवान को जो भी चीज़ चढ़ाएं, वह पूरी श्रद्धा और साफ नीयत से होनी चाहिए.
-रथ यात्रा के दिन भगवान को भोग लगाना बहुत शुभ माना जाता है. घर में प्याज और लहसुन रहित सात्विक भोजन बनाएं. जैसे खिचड़ी, फल, गुड़, दूध या मिठाई. भोजन पूरी तरह शुद्ध और सादा हो. इसे भगवान को अर्पित करें और बाद में परिवार के साथ प्रसाद के रूप में ग्रहण करें.
पुरी में भगवान को 56 तरह के भोग चढ़ाए जाते हैं, लेकिन घर में आप श्रद्धा के अनुसार जो संभव हो, वही बनाएं. इस प्रसाद में तुलसी का पत्ता जरूर डालें, क्योंकि भगवान जगन्नाथ को तुलसी बहुत प्रिय है.
-रथ यात्रा सिर्फ भक्ति का पर्व नहीं है, यह सेवा का अवसर भी है. अगर आप यात्रा में नहीं जा सके तो घर बैठे ही किसी ज़रूरतमंद की मदद करें. चाहे एक रोटी ही क्यों न हो, किसी भूखे को भोजन कराना भगवान की सेवा मानी जाती है. इसके अलावा पुराने या नए कपड़े, बर्तन या अनाज का दान भी किया जा सकता है.
-गायों को चारा खिलाएं, किसी मंदिर में दीप जलाएं और रथ यात्रा से जुड़ी कथाएं बच्चों को सुनाएं. इन कामों से आपके घर का वातावरण भी पवित्र बनता है और भगवान की कृपा आपके जीवन में बनी रहती है.