पवन तिवारी | बलरामपुर3 मिनट पहले
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जनकपुर में श्रीराम-सीता विवाह कथा के आयोजन में माता सीता के स्वरूप को श्रद्धालुओं ने पूजा की।
बलरामपुर के जनकपुर स्थित प्राचीन मुक्तेश्वर नाथ महादेव मंदिर में श्रीराम कथा का छठा दिन विशेष रहा। रविवार शाम श्रीराम-सीता विवाह प्रसंग का भावपूर्ण वर्णन हुआ। श्रद्धालुओं के जयसियाराम के जयकारों से पूरा पंडाल गुंजायमान हो उठा।
अयोध्या से आए प्रसिद्ध कथावाचक सर्वेश जी महाराज ने विवाह कथा का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि जनकपुरी के स्वयंवर में प्रभु श्रीराम ने शिव धनुष तोड़ा। इसके बाद जनकनंदिनी सीता ने उन्हें वरमाला पहनाई। इस घटना की सूचना पाकर क्रोधित परशुराम स्वयंवर स्थल पर पहुंचे। धनुष तोड़ने वाले को दंड देने की बात पर लक्ष्मण ने प्रतिउत्तर दिया। विवाद बढ़ने पर श्रीराम ने स्वयं का परिचय देकर परशुराम को शांत किया।
कथा के बाद विवाह की झांकी प्रस्तुत की गई। एक छोटी बालिका को माता सीता के रूप में सजाया गया। श्रद्धालुओं ने परंपरागत रूप से माता सीता स्वरूप बालिका की पांव पूजा की। लोग अपने घरों से बर्तन, अनाज, वस्त्र और नकद भेंट लेकर आए।
इस दौरान कार्यक्रम में पचपेड़वा नगर पंचायत अध्यक्ष रवि वर्मा, गैसड़ी नगर पंचायत अध्यक्ष प्रिंस वर्मा सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। मंदिर के पुजारी प्रदीप पांडेय, इंद्रजीत साहू, लड्डू लाल जायसवाल और सुनील कुमार भी उपस्थित थे।
मंदिर परिसर में दिव्य वातावरण बना रहा। कार्यक्रम के अंत में श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया। श्रीराम-सीता विवाह कथा ने सभी श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक आनंद से भर दिया।