प्रशासनिक पुनर्गठन आयोग के सदस्य रिटायर्ड एसीएस मनोज श्रीवास्तव और रिटायर्ड संभागायुक्त मुकेश शुक्ला।
एक जनवरी तक जनगणना के हिसाब से प्रदेश के जिलों, तहसीलों, थानों और अन्य प्रशासनिक इकाइयों की सीमाएं फ्रीज करने के जनगणना निदेशालय के पत्र के बीच प्रशासनिक पुनर्गठन आयोग के काम में तेजी लाने की तैयारी सरकार ने की है। इसके लिए अब तक एक सदस्यीय आयोग का ग
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संभागायुक्त के पद से रिटायर हुए आईएएस अधिकारी मुकेश शुक्ला को इस आयोग का सदस्य बनाया गया है, जो अपर मुख्य सचिव के पद से रिटायर होने के बाद पुनर्गठन आयोग के मुखिया के रूप में काम कर रहे मनोज श्रीवास्तव का सहयोग करेंगे। जनगणना निदेशालय द्वारा मुख्य सचिव अनुराग जैन को प्रदेश की प्रशासनिक इकाइयों को फ्रीज करने संबंधी पत्र लिखे जाने के बाद भी प्रशासनिक पुनर्गठन आयोग का काम चलता रहेगा।
पुनर्गठन आयोग दौरा कर दे रहा ऐसे निर्देश
- मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन में जन प्रतिनिधियों, आम जनों की राय शुमारी करके ही प्रस्ताव तैयार करें।
- पुनर्गठन में नागरिकों की सुविधा का विशेष ध्यान रखा जाए।
- पुनर्गठन करते समय जीपीएस एवं गूगल मैप का भी प्रयोग करें, जिससे वस्तु की स्थिति एवं दूरी का पता चल सके।
- सभी कलेक्टर जल्द से जल्द प्रस्ताव तैयार कर संभाग कमिश्नर के समक्ष प्रस्तुत करें जिससे कि संभाग कमिश्नर आगे की कार्रवाई कर सकें और शासन की मंशानुसार कार्रवाई की जा सके।
सागर की बैठक में यह निर्देश दे चुके पुनर्गठन आयोग के सदस्य श्रीवास्तव
परिसीमन आयोग के सदस्य मनोज श्रीवास्तव ने सागर संभाग की समीक्षा कर ली है। इस दौरान उन्होंने कहा है कि किसी भी जिले, तहसील, विकासखंड, ग्राम, नगरीय निकाय के पुनर्गठन में विशेष रूप से जन प्रतिनिधियों, आमजन, सामाजिक संगठन, ग्रामीण व्यक्ति, किसान, स्वयं सेवी संस्थाओं के पदाधिकारी सदस्यों से चर्चा करें। यहां उन्होंने कलेक्टर्स से कहा कि नागरिकों से अपेक्षा है कि अपने महत्वपूर्ण सुझाव दें। प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन में संभागीय इकाई, जिला, वन विभाग, तहसील, ब्लॉक जो भी इकाइयां आती हैं।
इनसे लिए जाएंगे सुझाव
- राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि
- सोशल वर्कर्स
- प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा
- एनजीओ के एडमिनिस्ट्रेटिव
- पब्लिक हियरिंग
- शासकीय अभिभाषकों से बातचीत
- आयोग की वेबसाइट, पोर्टल पर भी लोगों से सुझाव लेंगे।
बैठकों में यह निर्देश भी दे चुके रिटायर्ड एसीएस
पुनर्गठन आयोग के सदस्य श्रीवास्तव ने सागर में हुई बैठक में यह भी कहा कि हमारे यहां लोक और तंत्र के बीच की जो दूरी है, इसके चलते लोगों को कीमत चुकानी पड़ती है जिससे उनका समय, ऊर्जा और धन सब में इसके प्रभाव पड़ते हैं। इसका कैसे हम ऑप्टिमाइजेशन कर सकें, एडमिनिस्ट्रेटिव यूनिट और ऑर्गनाइजेशन के जरिए जो एक कोशिश की जा रही है। इसी के अंतर्गत वे यह अपील करता हूं कि सभी लोग अपने-अपने अनुभव और अपने-अपने पक्ष को पूरे तर्कों के साथ प्रस्तुत करें ताकि युक्तियुक्तकरण का काम जल्द से जल्द पूरा किया जा सके।
बताया गया कि राज्य शासन, राज्य की प्रशासनिक इकाईयों यथा संभाग, जिला, उपखण्ड, तहसील एवं जनपद, विकासखंड के परिसीमन (सृजन एवं सीमाओं में परिवर्तन) एवं युक्तियुक्तकरण के लिये मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग गठित किये जाने की स्वीकृति प्रदान की जाती है।
इन विषय वस्तु पर आयोग करेगा सिफारिश
- वर्तमान संभाग, जिला, तहसील एवं जनपद, विकासखण्ड प्रशासनिक इकाइयों के पुनर्गठन के संबंध में सिफारिश।
- भविष्य में नवीन प्रशासनिक इकाइयों के गठन के लिए मार्गदर्शी सिद्धान्तों के संबंध में सिफारिश।
- प्रशासनिक इकाइयों की पद संरचना, उनके आकार एवं कार्यों के अनुपात में पदों की आवश्यकता।
- प्रशासनिक इकाइयों की पदीय संरचना के युक्तियुक्तकरण की सिफारिश।
- प्रशासनिक इकाइयों के पुर्नगठन हेतु संबंधित संभाग, जिलों की विजिट कर प्रशासनिक इकाइयों की कैपेसिटी बढ़ाने की सिफारिश।