राष्ट्रीय जिन शासन एकता संघ ने देश और विदेश में रहने वाले सभी जैन परिवारों से महत्वपूर्ण अपील की है। संघ ने कहा है कि आगामी जनगणना में कॉलम नंबर 6 में अपने धर्म के आगे केवल ‘जैन’ लिखें।
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संघ के प्रचारक राजेश जैन दद्दू और मंयक जैन ने इस संबंध में विशेष निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि लोग अपने नाम और उपनाम में भी केवल ‘जैन’ का उल्लेख करें।
राजेश जैन ने बताया कि भारतीय संविधान में जैन को एक अलग धर्म के रूप में मान्यता प्राप्त है। उन्होंने कहा कि जैन धर्म की हिंदू धर्म से अलग पहचान है। संघ का दावा है कि भारत में जैन समुदाय की आबादी 3 से 4 करोड़ के बीच है। आगामी जनगणना में यह आंकड़ा सामने आएगा।