Friday, June 13, 2025
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जन्माष्टमी कब है? किस समय होगा लड्डू गोपाल का जन्मोत्सव, जानें तारीख और शुभ मुहूर्त


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Janmashtami Kab Hai 2025: जन्माष्टमी भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र में मध्य रात्रि में हुआ था. इस वजह से हर साल भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को मध्य रा…और पढ़ें

जन्माष्टमी 2025 तारीख और मुहूर्त.

हाइलाइट्स

  • जन्माष्टमी पर्व हर साल भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को मनाया जाता है.
  • अष्टमी तिथि 15 अगस्त दिन शुक्रवार को रात 11 बजकर 49 मिनट से प्रारंभ होगी.
  • भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में अष्टमी तिथि को हुआ था.

जन्माष्टमी का पावन पर्व हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मथुरा में हुआ था, तब उस समय द्वापर युग के भाद्रपद माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि थी और रोहिणी नक्षत्र था. कभी-कभी अष्टमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र का अभाव भी होता है. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था, इसलिए हर साल बाल कृष्ण का जन्मोत्सव मध्य रात्रि में ही मनाते हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि इस साल जन्माष्टमी कब है? जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त क्या है?

जन्माष्टमी 2025 तारीख

दृक पंचांग के अनुसार, इस साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 15 अगस्त दिन शुक्रवार को रात 11 बजकर 49 मिनट से प्रारंभ होगी. अष्टमी तिथि का समापन 16 अगस्त दिन शनिवार को रात 9 बजकर 34 मिनट पर होगा. भगवान श्रीकृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में अष्टमी तिथि को हुआ था. इस आधार पर इस साल अष्टमी तिथि में मध्य रात्रि 15 अगस्त शुक्रवार को प्राप्त हो रही है, ऐसे में जन्माष्टमी 15 अगस्त को मनाई जाएगी. 16 अगस्त को इस्कॉन जन्माष्टमी और दही हांडी उत्सव है.

जन्माष्टमी 2025 शुभ मुहूर्त

15 अगस्त को जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त 43 मिनट का है. श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का शुभ समय देर रात 12 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 47 मिनट तक है. इस निशिता मुहूर्त में लड्डू गोपाल का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. भगवान बाल कृष्ण इस शुभ घड़ी में प्रकट होंगे.

जन्माष्टमी व्रत का पारण समय 2025

जो लोग 15 अगस्त को जन्माष्टमी का व्रत रखेंगे, वे पारण 16 अगस्त को 05:51 ए एम के बाद कर सकते हैं. वैसे कई स्थानों पर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के बाद लोग पारण कर लेते हैं. उस आधार पर पारण का समय 16 अगस्त को 12:47 ए एम पर है.

जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र का अभाव

इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन रोहिणी नक्षत्र का अभाव है. 15 अगस्त को जन्माष्टमी के दिन अश्विनी नद्वात्र सुबह 07:36 ए एम तक है, उसके बाद से भरणी नक्षत्र है. यह 16 अगस्त को 06:06 ए एम तक है. इस तरह से देखा जाए तो इस बार की जन्माष्टमी भरणी नक्षत्र में होगी. वहीं रोहिणी नक्षत्र 17 अगस्त को 04:38 ए एम से है, लेकिन नवमी तिथि होगी.

जन्माष्टमी का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जन्माष्टमी का व्रत और पूजन करने से संतान की प्राप्ति होती है. जो लोग पुत्र प्राप्ति कर चाह रखते हैं, वे जन्माष्टमी पर विशेष पूजा और उपवास करते हैं. भगवान श्रीकृष्ण की कृपा से व्यक्ति के दुख दूर होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है.

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कार्तिकेय तिवारी

कार्तिकेय तिवारी Hindi News18 Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक…और पढ़ें

कार्तिकेय तिवारी Hindi News18 Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक… और पढ़ें

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