जिले में मरीजों की सेवा के लिए चलने वाली बारह 108 एम्बुलेंस की स्थिति खराब हो गई है। जिला चिकित्सालय परिसर में 12 एम्बुलेंस लंबे समय से खराब पड़ी हैं। इन एम्बुलेंस की नीलामी के लिए दो बार टेंडर निकाले गए।
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सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा के अनुसार, नीलामी की कीमत अधिक होने के कारण कोई खरीदार सामने नहीं आया। अब शासन से अधिकृत मेकेनिकल इंजीनियर को पत्र लिखकर ऑफसेट वैल्यू कम करने का अनुरोध किया गया है। खराब एम्बुलेंस अस्पताल परिसर में जगह घेर रही हैं और उनकी स्थिति लगातार खराब होती जा रही है।
वर्तमान में जिले में कुल 63 एम्बुलेंस सेवारत हैं। डॉ. मिश्रा ने बताया कि जिले को 15 और एम्बुलेंस की आवश्यकता है। शहर में विभिन्न कार्यक्रमों में भी 108 एम्बुलेंस की सेवाएं दी जाती हैं, जिससे कई बार आपातकालीन स्थितियों में एम्बुलेंस समय पर नहीं पहुंच पाती। अतिरिक्त 15 एम्बुलेंस मिलने से मरीजों को बेहतर सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी।
2009 में हुई थी सेवा की शुरुआत
मध्य प्रदेश में 108 एम्बुलेंस सेवा, जिसे “संजीवनी एक्सप्रेस” भी कहा जाता है, 16 जुलाई 2009 को शुरू हुई थी. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत, मध्य प्रदेश सरकार और जीवीके ईएमआरआई (GVKE MRI) ने मिलकर इस योजना को शुरू किया। इस सेवा का उद्देश्य है कि राज्य में आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं सुलभ हों और लोगों को समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सके। 108 एम्बुलेंस सेवा में एम्बुलेंस, जननी एक्सप्रेस, मोबाइल मेडिकल यूनिट और कॉल सेंटर शामिल हैं।
वहीं आज मध्य प्रदेश के सभी जिलों में 108 हेल्पलाइन नंबर के तहत 839 से अधिक जननी एम्बुलेंस और 606 एम्बुलेंस काम कर रही हैं।