पूर्णिया में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश विभाजन के वक्त पंडित नेहरू को हिंदुओं को भारत ले आना चाहिए था। वहीं, मुसलमानों को पाकिस्तान भेज देना चाहिए था। इससे आज देश की सामाजिक समरसता को कोई खतरा नहीं होता।
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बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिन्दू शुरुआत से प्रतिकार करना सीख लिए होते, तो देश की स्थिति ऐसी नहीं होती। सीमांचल के चारों जिले किशनगंज, पूर्णिया, अररिया और कटिहार में बड़ी संख्या में डेमोग्राफी बदल रही है। इसी को लेकर हिन्दू संगठनों के साथ उनकी बड़ी बैठक होगी। इन जिलों में बड़ी तेजी से आबादी बढ़ रही है। इससे स्थिति बिगड़ रही है। जब तक देश में सनातनियों का बहुमत है, तभी तक लोकतंत्र भी सुरक्षित है।
इससे पहले सोमवार रात केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह पूर्णिया पहुंचे। सर्किट हाउस में विश्राम के बाद मंगलवार को उन्होंने विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ताओं के साथ एक अहम बैठक की। इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस किया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा और भाजपा जिलाध्यक्ष राकेश कुमार मौजूद रहे।
गिरिराज सिंह ने कहा कि असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा ने कहा देश में हमारा अस्तित्व खतरे में है। हिंदुओं की आबादी गिर गई है। कुछ ऐसे ही हालात पूर्वांचल और देश के दूसरे हिस्से में भी है। तुष्टिकरण की राजनीति के कारण ही 1947 में पंडित नेहरू के नेतृत्व में भारत के बंटवारे के समय पाकिस्तान, जो बाद में पूर्वी पाकिस्तान के रूप में अलग हुआ। फिर बांग्लादेश बना। वहां से हिंदुओं को भारत ले आया जाता। भारत के मुसलमान जो योजनाबद्ध तरीके से यहां रह गए। उनको पाकिस्तान भेज दिया जाता, तो आज भारत की सामाजिक समरसता को कोई खतरा नहीं होता।
1926 में शुद्धि आंदोलन के कारण हिन्दू स्वामी की हत्या मुसलमानों ने की थी। गांधी ने हत्यारे को अपना भाई कहा था। देश में तुष्टिकरण आज से नहीं मुस्लिम लीग की स्थापना 1905 में हुई। तभी से ये चली आ रही है। इसके बाद भी मुस्लिम लीग के मुस्लिम कट्टर पंथियों ने कई हत्याएं की। इसी समय से तुष्टीकरण की नीति और भारत को गजवा ए हिंद बनाने की साजिश होती रही है।

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते केंद्रीय गृहमंत्री
बंटवारे के समय भी योजनाबद्ध तरीके से मुसलमान को भारत में रोका गया। भारत में अब नारा लगता है लड़ के लिया पाकिस्तान, हंस के लेंगे हिंदुस्तान। जहां इनकी आबादी 10% से ऊपर जाती है, सामाजिक हालात बिगड़ने लगते हैं। बांग्लादेश के हिंदू पाकिस्तान के हिंदू शुरुआत से ही प्रतिकार करना सीख लिए होते तो आज यह हालत नहीं होती।
मैंने पहले ही कहा था कि भारत में 148 जिले हैं, जहां 20 फीसदी से अधिक आबादी बढ़ी है। 308 जिले हैं, जिसमें 1300 स्पॉट है। जहां 2013 के आंकड़े के मुताबिक आबादी बढ़कर 25 फीसदी हो गई है।
आगे उन्होंने कहा कि बीती रात पूर्णिया के धमदाहा के एक पंचायत में मंदिर स्थल पर पेशाब किया गया। इसके बाद लोग थाना गए। इसके बाद आरोपी की गिरफ्तारी हुई। फिर मामला शांत हुआ। पूर्णिया अररिया, कटिहार और किशनगंज को ये टारगेट कर रहे हैं। इसी स्थिति को देखते हुए वे सभी हिंदू संगठन जिसमें विश्व हिंदू परिषद, धर्म जागरण, बालाजी संगठन, जनसंख्या समाधान फाउंडेशन, सीमा जागरण मंच के मीटिंग में शामिल होने पहुंचे हैं।
18 अक्टूबर को भागलपुर, नवगछिया, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज और अररिया के इन पुलिस जिलों में एक-एक दिन का कार्यक्रम होगा। कार्यक्रम का विषय बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए अत्याचार, बलात्कार को नहीं सहेगा हिंदुस्तान। दूसरे चरण में बिहार का भ्रमण और तीसरे चरण को पूरा करते हुए उत्तर प्रदेश की सीमा में इस कार्यक्रम का प्रवेश होगा। अगर अब भी हिंदू इकट्ठे नहीं हुए, पापुलेशन सिरसा की तरह विस्फोट होगा। यह विस्फोटक स्थिति देश के लिए खतरा पैदा कर रहा है।
बिहार के 4 जिले के अलावा देश के 20 जिले में ऐसी स्थिति है। वे यहां तेजी से पांव पसार रहे हैं। इनकी आबादी इन चार जिला तो 50 फीसद से अधिक पहुंच गया है। सभी सनातनी हिंदुओं से मैं निवेदन करूंगा कि योगी ने जो कहा था बाटोगे तो काटोगे। अब समय आ गया है हम सब सनातनी एक साथ आएं। धर्म को आगे रखें। हमारा धर्म ही कहता है हम धर्म की रक्षा करेंगे तो धर्म हमारी रक्षा करेगा। ये हालत पूर्वांचल की ही नहीं बल्कि देश के कई जिलों की बन गई है। मेरा मानना है जब तक सनातनियों का बहुमत है लोकतंत्र भी तभी तक सुरक्षित है।