जमुई में गुरुवार को जिला कार्यक्रम कार्यान्वयन समित की बैठक हुई। बैठक में बिहार सरकार के मंत्री सह प्रभारी मंत्री रत्नेश सदा के साथ जमुई विधायक श्रेयसी सिंह ,सिकंदरा विधायक प्रफुल्ल मांझी, जिलाधिकारी अभिलाषा शर्मा सहित जिले भर के तमाम आला अधिकारी मौज
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इस दौरान जिले में हो रहे विकास के कामों पर लंबी चर्चा भी चली। इसी दौरान विकास के कामों पर अपनी नाराजगी जताते हुए, सिकन्दरा से हम पार्टी के विधायक प्रफुल्ल मांझी अपने ही अधिकारियों के कार्यकलाप से नाराज दिखे। उन्होंने मंच से ही प्रभारी मंत्री के सामने ही विकास के कामों खामियां गिनानी शुरू कर दिए।
अधिकारियों की कमियों को गिनाया
विधायक प्रफुल्ल मांझी ने कहा कि जहां 10 प्रसेंड काम होना चाहिए,वहां मात्र 4 प्रसेंड ही काम होता है। जिसके कारण लोगों की परेशानियां बढ़ जाती हैं। सिंचाई की समस्या अलग, जानवरों के पानी पीने की अलग समस्या,पीएचडी से जो चपाकल लगाया जाता है,वो दो सौ फीट कर दे,नल जल की जो योजना आई है, कहने को तो सारा नल जल योजना ठीक है।
इन लोगों के द्वारा ,पदाधिकारियों के द्वारा,लेकिन कोई नल जल के पानी आता नहीं है, लोगों के बीच त्राहिमान है,हम तो कहेंगे इसको तो प्रोसेसिंग में लाकर इसका नए सिरे से देखा जाए। उन्होंने बैठक में अपनी नाराजगी को लेकर कहा कि जब काम नहीं होता है,तो थोड़ा से रंज होता है, बैठक में जो बाते कहनी होती है तो थोड़ा सा तल्ख (गुस्सा )आ जाती है।
लेकिन हमलोग पॉजिटिव है,लोगो के बीच रहना चाहते थे। इसलिए काम के साथ पॉजिटिव है।कोई नाराज़गी नहीं है,काम थोड़ा सा नहीं हुआ,इसलिए पदाधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे। पीएसडी, माइनर एरिगेशन,आरडब्ल्यू, राजस्व सहित तमाम विभागों में जहां काम को लेकर कोताही बरती जाती है।
इसे लेकर हमलोग निर्देषित करते है कि काम जल्दी करो, पदाधिकारी का थोड़ा अगर मगर करने की आदत होती है। इसलिए उनको कड़े शब्दों में निर्देशित किया जाता है कि वो जल्दी काम के प्रति अग्रेसिव हो।कड़े शब्दों में निर्देशित किया जाता है कि वो जल्दी काम के प्रति अग्रेसिव हो।