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- Jammu Kashmir Cloudburst Landslide Tragedy; Omar Abdullah | Ramban Victims
श्रीनगर39 मिनट पहले
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उमर ने अपनी गाड़ी की खिड़की खोली और लोगों की परेशानियां सुनीं।
जम्मू-कश्मीर के रामबन में स्थानीय लोगों ने मंगलवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की गाड़ी रोक ली। महिलाएं गाड़ी के सामने आ गईं और हाथ जोड़कर रोने लगीं। लोगों ने कहा कि लैंड स्लाइड और बाढ़ के बाद हमारी जिंदगी बदहाल हो गई है।
लोग कहने लगे की मुख्यमंत्री जी आप 2 मिनट बात कीजिए। उमर ने अपनी गाड़ी की खिड़की खोली और लोगों की परेशानियां सुनीं। राम बन में 2 दिन पहले बादल फटने से 3 लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने करीब 100 लोगों को रेस्क्यू किया। बादल फटने का मतलब है बहुत कम समय में बहुत ज्यादा बारिश का हो जाना।
बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई और पहाड़ का मलबा गांव में फैल गया। रामबन के बनिहाल इलाके में कई जगह लैंडस्लाइड हुई थी। इसकी वजह से जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे बंद करना पड़ा था।

रामबन में मंगलवार को महिलाएं गाड़ी के सामने आ गईं और हाथ जोड़कर रोने लगीं।
केंद्रीय मंत्री बोले- रिलीफ ऑपरेशन जारी
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि रामबन में रिलीफ ऑपरेशन चल रहा है। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद प्रशासन हर प्रयास कर रहा है। डिस्ट्रिक्ट कमिश्नर खुद रामबन में मौजूद हैं। बिजली और पानी सप्लाई बहाल कर दी गई है। नेशनल हाईवे भी कल तक खुल जाने की उम्मीद है। मैं कल खुद रामबन का दौरा करूंगा।
सीएम ने सोमवार को भी रामबन में हालात का जायजा लिया था

उमर अबदुल्ला ने सोमवार को भी रामबन का दौरा किया था, इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सोमवार को हालात का जायजा लेने रामबन पहुंचे थे। खराब मौसम के कारण हेलिकॉप्टर उड़ान की मंजूरी ने मिलने पर उमर सड़क के रास्ते रामबन आए। वे करीब 5.30 बजे रामबन पहुंचे और पैदल ही बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लेने निकल पड़े।
रामबन पहुंचने से पहले मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा- मैं लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि किसी चीज की अभी कमी नहीं है। जहां कहीं भी चीजों की कीमतें बढ़ाई जा रही है वहां सख्त कार्रवाई की जाएगी। गिरफ्तारी की जरूरत पड़ी तो गिरफ्तारी भी की जाएगी।
विधायक बोले- इस तरह की त्रासदी कभी नहीं देखी स्थानीय विधायक अर्जुन सिंह राजू ने कहा- इस तरह की त्रासदी हमने कभी नहीं देखी। इस त्रासदी में प्रोपर्टी को जो नुकसान हुआ वो हुआ, लेकिन जो लोगों की जान गई वो बहुत दुर्भाग्यपूर्ण हैं। हालांकि स्थिति अब धीरे-धीरे सामान्य हो रही है और प्रशासन की पहली प्राथमिकता लोगों को सुरक्षित निकालना और बंद सड़कों को दोबारा खोलना है।
19-20 अप्रैल की रात को रामबन में बादल फटा था
रामबन जिले के सेरी बागना इलाके में 19-20 अप्रैल की रात को बादल फटा था। बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई। पहाड़ का मलबा गांव की तरफ आ गया, जिसके चपेट में कई लोग और घर आ गए थे। हादसे में 3 लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने करीब 100 लोगों को रेस्क्यू किया। रामबन जिले के बनिहाल इलाके में कई जगह लैंडस्लाइड हुई हैं। इसकी वजह से जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे बंद हो गया।
चश्मदीद की जुबानी पूरी घटना समझिए…

चश्मदीद ने बताया- तीन मंजिला होटल के दो फ्लोर मलबे में दब गए हैं। सिर्फ तीसरा फ्लोर ही दिख रहा है।
एक चश्मदीद ने बताया- जम्मू से श्रीनगर जाने के दौरान बारिश तेज हो गई तो मैंने रामबन मैं रुक गया। शनिवार रात करीब 10 बजे मैंने होटल में चेकइन किया। रात करीब 3 बजे शोर-शराबे के बीच मेरी नींद खुली। मैं होटल से नीचे आया तो देखा पानी तेजी से ऊपर की ओर भर रहा था।
नीचे का स्टाफ होटल छोड़कर भाग चुका था और हम सारे लोग फंस गए थे। चश्मदीद ने होटल की ओर इशारा करते हुए बताया कि यह होटल तीन मंजिला है। इसकी दो मंजिलें नीचे मलबे में दबी हुई हैं। यह तीसरी मंजिल दिख रही है। करीब 8-10 गाड़ियां नीचे दब गई हैं। मैंने 15 दिन पहले ही नई गाड़ी ली थी, वह भी मलबे में दबी है।
उस समय हम 15 लोग ऊपर फंसे थे। होटल का कुछ स्टाफ जो ऊपरी फ्लोर पर था, वह भी फंस गया था। सामने का रास्ता बंद हो गया था। किसी तरह हम सभी ने होटल के पीछे से निकलकर अपनी जान बचाई। चश्मदीद ने बताया
जम्मू-कश्मीर में तबाही की 5 तस्वीरें…

रामबन इलाके में भूस्खलन के मलबे में फंसी गाड़ियां।

बनिहाल में बादल फटने से लोगों के घरों तक में मलबा घुस गया है।

किश्तवाड़ जिले में लैंडस्लाइड की वजह से रास्ता बंद हो गया।

रामबन एरिया के कई गांवों में पहाड़ों से पानी के साथ लगातार मलबा आ रहा है।

किश्तवाड़-पद्दर मार्ग पर रामबन के पास लैंडस्लाइड से रास्ता बंद हो गया।
सोमवार से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
रामबन इलाके में रविवार से ही रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। सेना और NDRF के जवान लगातार इलाके से मलबा हटा रहे हैं। जम्मू-श्रीनगर हाईवे को भी खोलने का प्रयास लगातार जारी है।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पुरुषोत्तम कुमार ने सोमवार को बताया कि जम्मू-श्रीनगर हाईवे (NH- 44) पर 12 से ज्यादा जगहों पर भारी मात्रा में कीचड़ जमा है। कुछ जगह 20 फीट से ज्यादा कीचड़ जमा है। हाईवे फिर से खोलने में पांच से छह दिन लगने की संभावना है।
रेस्क्यू ऑपरेशन की तस्वीरें…

सोमवार को भी NDRF और सेना का रेस्क्यू अभियान जारी है।

जम्मू-श्रीनगर हाईवे खोलने के लिए मलबा हटाया जा रहा है।

सेना की ओर से फंसे हुए लोगों को खाना-पानी भी दिया जा रहा है।

NH-44 बंद होने की वजह से रास्ते पर लंबा जाम लगा है।
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