Wednesday, June 18, 2025
Wednesday, June 18, 2025
Homeदेशजम्मू-कश्मीर में दरबार मूव की बहाली में जुटी अब्दुल्ला सरकार: अगली...

जम्मू-कश्मीर में दरबार मूव की बहाली में जुटी अब्दुल्ला सरकार: अगली कैबिनेट बैठक में फैसला संभव; 152 साल पुरानी परंपरा को दोबारा शुरू करने की तैयारी


  • Hindi News
  • National
  • Omar Abdullah Cabinet; Jammu Kashmir Darbar Move Tradition Restoration Update

जम्मू11 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

तस्वीर 17 अक्टूबर की है, उमर अब्दुल्ला ने पहली कैबिनेट मीटिंग की थी।

उमर अब्दुल्ला की सरकार जम्मू-कश्मीर में 150 साल पुरानी दरबार मूव परंपरा को फिर से बहाल करने की तैयारी में है। जम्मू-कश्मीर मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने दैनिक भास्कर को बताया कि अब्दुल्ला सरकार की अगली कैबिनेट मीटिंग में दरबार मूव परंपरा की बहाली पर फैसला हो सकता है।

इसके दोबारा शुरू करने के पीछे तर्क है कि इस परंपरा के बंद होने से जम्मू में कारोबार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। जम्मू को दरबार मूव की जरूरत है।

जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर और जम्मू के बीच राजधानी को ट्रांसफर स्थानांतरित करने से संबंधित 152 साल पुराने दरबार मूव को LG मनोज सिन्हा ने जून 2021 में समाप्त कर दिया गया था।

दरबार मूव परंपरा को 1872 में जम्मू-कश्मीर के डोगरा राजवंश के महाराजा रणबीर सिंह ने शुरू किया था। गर्मी आने पर वे जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर शिफ्ट कर देते थे। और जब सर्दियां आती थीं तब जम्मू शिफ्ट कर देते थे।

भयंकर सर्दी और भयंकर गर्मी से बचने के लिए ऐसा किया जाता था। राजधानी ट्रांसफर करने से श्रीनगर और जम्मू दोनों की जगहों के व्यापार में 6-6 महीने बहुत तेजी रहती थी।

डोगरा राजवंश के राजा रणबीर सिंह ने आधिकारिक तौर पर दरबार मूव परंपरा शुरू की थी।

डोगरा राजवंश के राजा रणबीर सिंह ने आधिकारिक तौर पर दरबार मूव परंपरा शुरू की थी।

फारूक अब्दुल्ला को परंपरा बंद करने की कोशिश की, विरोध हुआ साल 1987 में तत्कालीन मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कोशिश की थी कि ये परंपरा बंद कर दी जाए। उन्होंने पूरे साल सचिवालय श्रीनगर में रखने के आदेश भी जारी किए थे। लेकिन उनके इस फैसले का जमकर विरोध हुआ था। जम्मू में जमकर प्रदर्शन हुए थे। बाद में फारूक को अपना आदेश वापस लेना पड़ा था।

कोविड के दौरान भी दरबार मूव नहीं हुआ था 2020 में इतिहास में पहली बार जम्मू-कश्मीर में दरबार मूव नहीं हुआ था। उस दौरान कोरोना वायरस के चलते पैदा हुई स्थितियों के बाद सरकार ने यह निर्णय लिया था।

हालांकि 4 मई को जम्मू और कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में सालाना दरबार खुला जरूर था, लेकिन कर्मचारी जहां थे वही रहे। इस दौरान जम्मू और श्रीनगर दोनों जगहों पर सचिवालय के दफ्तर ने काम किया था।

प्रशासन ने तीन दर्जन से ज्यादा विभागों के कार्यालयों के रिकॉर्ड्स का डिजिटलीकरण पूरा होने के बाद जून 2021 में दरबार मूव के लिए कर्मचारियों के नाम अलॉट आवास के आवंटन रद्द कर दिए थे।

ससे कारोबारी काफी नाराज हुए थे। जब दरबार सर्दियों में जम्मू आता था, तो कश्मीर के हजारों कर्मचारी और उनके परिवार जम्मू आते थे। जम्मू के बाजारों में छह महीने तक चहल-पहल रहती थी। इससे बिक्री काफी बढ़ती थी।

उस दौरान प्रशासन का दावा किया था कि दरबार मूव बंद करने से सरकारी खजाने को सालाना 150-200 करोड़ रुपए से अधिक की बचत होगी।

हर साल नवंबर के पहले सप्ताह में सिविल सचिवालय की ओर जाने वाली जम्मू की सड़कों की मरम्मत की जाती थी। खराब ट्रैफिक सिग्नल सुधारे जाते थे। सैकड़ों कार्यालय परिसरों को सजाया जाता था।

……………………………………………………………

जम्मू-कश्मीर से जुड़ी यह खबरें भी पढ़ें…

जम्मू-कश्मीर को स्टेटहुड के प्रस्ताव को LG की मंजूरी: उमर दो दिन में PM मोदी से मिलेंगे

राज्य के दर्जे की बहाली के लिए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की कैबिनेट ने गुरुवार को प्रस्ताव पास किया था। (फाइल फोटो)

राज्य के दर्जे की बहाली के लिए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की कैबिनेट ने गुरुवार को प्रस्ताव पास किया था। (फाइल फोटो)

जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के प्रस्ताव को उपराज्यपाल ने 19 अक्टूबर शनिवार को मंजूरी दी थी। इससे पहले 17 अक्टूबर गुरुवार को राज्य के दर्जे की बहाली के लिए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की कैबिनेट ने प्रस्ताव पास किया था। पूरी खबर पढ़े…

कश्मीर हमला- लश्कर के संगठन TRF ने ली जिम्मेदारी:रेकी के बाद टनल साइट पर की थी फायरिंग

गांदरबल के गगनगीर इलाके में आतंकी हमले के बाद से सर्च ऑपरेशन की तस्वीर।

गांदरबल के गगनगीर इलाके में आतंकी हमले के बाद से सर्च ऑपरेशन की तस्वीर।

जम्मू-कश्मीर के गांदरबल में 20 अक्टूबर रविवार देर रात हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी। भास्कर को सूत्रों ने अक्टूबरसोमवार को बताया कि TRF चीफ शेख सज्जाद गुल इस हमले का मास्टरमाइंड था। पूरी खबर पढ़े…

खबरें और भी हैं…



Source link

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular