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- Jammu Kashmir Article 370 Controversy; Omar Abdullah Vs BJP MLA | Engineer Rashid Brother
श्रीनगर5 मिनट पहले
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जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 7 नवंबर को भाजपा और अन्य विधायकों के बीच हाथापाई हुई।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा सत्र के दौरान गुरुवार को विधायकों के बीच जमकर हाथापाई हुई। सत्ता पक्ष और विपक्षी भाजपा के विधायकों ने एक-दूसरे का कॉलर पकड़ा और धक्कामुक्की की। सदन में हंगामे के बाद स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
दरअसल, लेंगेट से विधायक खुर्शीद अहमद शेख ने सदन में आर्टिकल 370 की वापसी का बैनर लहराया। इसके बाद भाजपा विधायक और विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने इसका विरोध किया। भाजपा विधायक विपक्ष के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
भाजपा विधायकों के विरोध का सिलसिला यहीं नहीं थमा। वे सदन के वेल से होते हुए खुर्शीद अहमद शेख के पास पहुंचे और उनके हाथ से बैनर छिनकर फाड़ दिया। इस दौरान सत्ताधार नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक भी शेख के समर्थन में भाजपा विधायकों से भिड़ गए। इसके बाद मार्शल ने भाजपा विधायकों को सदन से बाहर कर दिया।

इंजीनियर राशिद के भाई खुर्शीद अहमद शेख ने आर्टिकल 370 की बहाली को लेकर पोस्टा लहराया।
शेख के भाई पर आतंकी फंडिंग का आरोप बैनर लहराने वाले विधायक खुर्शीद अहमद शेख बारामूला से लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद के भाई हैं। राशिद को 2016 में जम्मू-कश्मीर में आतंकी फंडिंग के आरोप में UAPA के तहत अरेस्ट किया गया था। 2019 से वो तिहाड़ जेल में बंद हैं।

जम्मू कश्मीर विधानसभा सत्र का 6 नवंबर को तीसरा दिन था। हंगामे के बाद कार्रवाई पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।
6 नवंबर को विधानसभा से 370 बहाल करने का प्रस्ताव पास हुआ जम्मू-कश्मीर विधानसभा ने राज्य के स्पेशल स्टेटस (अनुच्छेद 370) को फिर से बहाल करने का प्रस्ताव बुधवार को पास कर दिया। भाजपा ने आरोप लगाया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर के लोगों को गुमराह कर रही है और कहा कि कोई भी विधानसभा अनुच्छेद 370 और 35ए को वापस नहीं ला सकती।
प्रस्ताव में लिखा- सरकार जम्मू-कश्मीर के स्पेशल स्टेटस पर बात करे सदन की कार्रवाई शुरू होते ही जम्मू-कश्मीर के डिप्टी CM सुरिंदर चौधरी ने विशेष दर्जे को बहाल करने के लिए प्रस्ताव पेश किया, जिसे केंद्र ने 5 अगस्त, 2019 को रद्द कर दिया था। इसमें कहा गया, ‘राज्य का स्पेशल स्टेटस और संवैधानिक गारंटियां महत्वपूर्ण हैं। यह जम्मू-कश्मीर की पहचान, कल्चर और लोगों के अधिकारों की सुरक्षा करता है। विधानसभा इसे एक तरफा हटाने पर चिंता व्यक्त करती है।
भारत सरकार राज्य के स्पेशल स्टेटस को लेकर यहां के प्रतिनिधियों से बात करे। इसकी संवैधानिक बहाली पर काम किया जाए। विधानसभा इस बात पर जोर देती है कि यह बहाली नेशनल यूनिटी और जम्मू-कश्मीर के लोगों की इच्छाओं, दोनों को ध्यान में रख कर की जाए।’ निर्दलीय विधायक शेख खुर्शीद और शब्बीर कुल्ले, पीसी प्रमुख सज्जाद लोन और पीडीपी विधायकों ने इसका समर्थन किया।

भाजपा ने डिप्टी CM सुरिंदर सिंह को ‘जम्मू का जयचंद’ कहा। इस बीच विधायक वेल में टेबल पर चढ़कर नारे लगाते नजर आए।
BJP का आरोप- स्पीकर ने खुद ही ड्राफ्ट बनाया जम्मू विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील शर्मा समेत भाजपा के सभी विधायकों ने प्रस्ताव का विरोध किया। शर्मा ने कहा कि उनके पास जानकारी है कि स्पीकर ने मंगलवार (5 नवंबर) को मंत्रियों की बैठक बुलाई थी और खुद ही प्रस्ताव तैयार किया। वे इस दौरान स्पीकर हाय-हाय और पाकिस्तानी एजेंडा नहीं चलेगा जैसे नारे लगाते रहे।
शर्मा ने यह भी पूछा कि जब LG के अभिभाषण पर चर्चा होनी थी तो प्रस्ताव कैसे लाया गया? उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव उन्हें मंजूर नहीं है। इसके बाद उन्होंने इसकी कॉपी फाड़कर वेल में फेंक दी। हंगामे के बीच विधानसभा स्पीकर अब्दुर रहीम राथर ने प्रस्ताव पर वोटिंग कराई, जिसके बाद प्रस्ताव बहुमत से पास कर दिया गया।
वहीं भाजपा विधायकों के आरोपों को लेकर अध्यक्ष अब्दुल रहीम राठेर ने कहा, “अगर आपको मुझ पर भरोसा नहीं है, तो अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएं।”
नेशनल कॉन्फ्रेंस ने मेनिफेस्टो में किया था वादा केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर के स्पेशल स्टेटस को खत्म कर दिया था। इस दौरान इसे दो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया था। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने मेनिफेस्टो में इसकी बहाली के प्रयास करने का वादा किया था। प्रस्ताव पास होने के बाद CM उमर अब्दुल्ला ने कहा कि विधानसभा ने अपना काम कर दिया है।




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