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जम्मूकुछ ही क्षण पहले
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CM उमर ने 21 जनवरी को बधाल गांव का दौरा किया।25 दिसंबर को उन्होंने श्रीनगर के अस्पताल में मरीजों से मुलाकात की थी।
जम्मू में राजौरी जिले के बधाल गांव में रहस्यमयी बीमारी से अबतक 17 लोगों की मौत हो चुकी है। मंगलवार को भी गांव के एजाज अहमद की तबीयत बिगड़ी, उसे राजौरी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के CM उमर अब्दुल्ला ने गांव का दौरा किया। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। 7 दिसंबर से 19 जनवरी के बीच मरने वाले 17 लोगों में 13 बच्चे हैं।
उमर ने मोहम्मद असलम से मुलाकात की। उसने परिवार के 8 सदस्यों को खोया है। इनमें 6 बच्चे और असलम को गोद लेने वाले उसके मामा-मामी शामिल हैं। परिवार में अब असलम और उसकी पत्नी बचे हैं।
मुलाकात के बाद उमर ने कहा- मौतों का क्या कारण है, इसकी जांच जारी है। जल्द ही सभी सवालों का जवाब मिलेगा। हर जगह बड़े अस्पताल बनाना संभव नहीं है, लेकिन दूरदराज के इलाकों में बेहतर हेल्थ सर्विस के लिए हेल्थ सेंटर की कमी दूर करेंगे।
पीड़ित परिवारों से CM उमर की मुलाकात की 2 तस्वीरें…
पीड़ित परिवारों से मुलाकात के दौरान एक व्यक्ति के गले लगाते CM उमर।
CM उमर से मुलाकात के दौरान बधाल गांव के लोग।
क्या ये बीमार है, हमें इसका जवाब चाहिए
उमर ने कहा- ऐसा क्यों हुआ? हमें इस सवाल का जवाब चाहिए। यह कोई बीमारी नहीं है, इसलिए पुलिस इसकी जांच कर रही है। SIT गठित की गई है। केंद्र सरकार ने भी एक टीम तैनात की है। वो सैंपल कलेक्टर रही है।
उमर ने कहा कि मैं सभी को विश्वास दिलाता हूं कि प्रशासन, पुलिस और भारत सरकार की कोशिश जारी है, जल्द ही सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे। अगर ये कोई बीमारी है तो हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी ये तय करना होगा कि ये नहीं फैले।
उन्होंने कहा कि कई टेस्ट किए गए हैं, रिजल्ट में सामने आया है कि ये कोई बैक्टीरिया या वायरस नहीं है। विपक्ष के आरोपों पर उमर ने कहा कि वे ऐसी घटना पर राजनीति नहीं करना चाहेंगे। अगर हमने जल्दबाजी में काम किया होता और कोई गलत कदम उठाया होता, तो आप हमें (मौतों के लिए) दोषी ठहराते।
मृतकों के नमूनों में न्यूरोटॉक्सिन मिला मंत्री सकीना मसूद ने कहा कि अगर ये मौतें किसी बीमारी के कारण हुई होतीं तो ये तेजी से फैल जाती और केवल तीन परिवारों तक सीमित नहीं रहती। हालांकि कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स ने मृतकों के नमूनों में ‘न्यूरोटॉक्सिन’ पाए जाने की बात कही है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार नेशनल लेवल के हेल्थ इंस्टीट्यूट्स की मदद ले रही है। इसमें पुणे का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), दिल्ली का राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC), ग्वालियर का रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और PGI चंडीगढ़ शामिल हैं।
किसी भी जांच में कोई नेगेटिव रिजल्ट सामने नहीं आया है। पानी और फूड आइटम्स की भी जांच की गई है, लेकिन किसी भी जहरीले पदार्थ का पता नहीं चला है।
गृह मंत्रालय ने जांच के लिए इंटर मिनिस्ट्रियल टीम बनाई गृह मंत्री अमित शाह ने इन मौतों की जांच के लिए शनिवार को इंटर मिनिस्ट्रियल टीम बनाने का आदेश दिया था। यह हाई लेवल टीम रविवार को गांव पहुंची थी। टीम को गृह मंत्रालय ही लीड कर रहा है।
टीम में स्वास्थ्य, कृषि, रसायन और जल संसाधन मंत्रालय के एक्सपर्ट्स शामिल हैं। यह मौत की वजह की जांच के साथ ही आगे इस तरह की मौतें रोकने के लिए भी जरूरी कदम उठाएगी।
इससे पहले 15 जनवरी को रियासी जिले के सीनियर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (SSP) गौरव सिकरवार ने SIT गठित की थी। 11 मेंबरों की SIT की अध्यक्षता सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस (ऑपरेशन) वजाहत हुसैन कर रहे हैं।
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